आएशा मीरा केस- 12 साल पहले दफनाए गए शव का फिर होगा पोस्टमार्टम

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आंध्र प्रदेश के सय्यद आएशा मीरा केस में एक नया मोड़ आ गया है। सीबीआई गुंटूर के तेनाली में स्थित चेन्चुपेट कब्रिस्तान से उसके शव को 12 साल बाद दोबारा पोस्टमार्टम करने के लिए निकालेगी।  बता दें की  2007 में आएशा अपने होस्टल के बाथरुम में मृत पाई गई थी। इस मामले के आरोपी सत्यम बाबू को मिली उम्रकैद की सजा को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने उसे बरी कर दिया था। उच्च न्यायालय ने 29 नवंबर 2018 को सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने जनवरी 2019 में जांच करनी शुरू की।

गौरतलब है की आएशा मीरा एक 19 साल की फार्मेसी छात्रा थी जो विजयवाड़ा के पास इब्राहिमपट्टन के महिला छात्रावास में रहती थी। 27 दिसंबर, 2007 की रात को उसका खून से लथपथ शव छात्रावास के बाथरुम में मिला था। उसके शरीर पर चाकू के कई निशान थे। हत्यारे ने एक पत्र छोड़ा था जिसमें लिखा था कि लड़की के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है क्योंकि उसने उसके प्यार को नकार दिया था।

पिछले साल अक्तूबर में विशेष जाच दल का गठन किया गया था। जिसने हैदराबाद उच्च न्यायालय को बताया कि ट्रायल कोर्ट में केस के रिकॉर्ड को नष्ट कर दिया गया है। हत्या के समय से ही कोनेरु सतीश जोकि तत्कालीन नगर प्रशासन मंत्री और पूर्व उप मुख्यमंत्री कोनेरु रंगा राव के पोते की मामले में संलिप्तता मानी जा रही थी।

2008 में पुलिस ने दावा किया कि सत्यम बाबू नाम का व्यक्ति जिसे मोबाइल चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उसने आएशा की हत्या करने की बात कबूली है। 2010 में सत्यम बाबू जोकि मस्तिष्क संबंधी विकार से ग्रसित है उसे विजयवाड़ी की महिला अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई लेकिन 2017 में उच्च न्यायालय ने उसे बरी कर दिया और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।

आएशा के माता पिता ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सत्यम बाबू को अपराधी इसलिए बनाया है ताकि कोनेरु सतीश को बचाया जा सके। शव के दोबारा पोस्टमार्टम के लिए मृतका के परिजनों ने अपनी सहमति दे दी है। हालांकि उन्हें ज्यादा उम्मीद नहीं है क्योंकि मामले को 11 साल बीत चुके हैं।