पूर्व भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने पहलवान से राजनेता बनीं बबीता फोगाट से भारत में कोरोना वायरस को फैलाने को लेकर दिए गए अपने बयान को वापस लेने को कहा है। 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ज्वाला ने कहा कि माफ करो बबीता, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि यह वायरस जाति या धर्म को देखता है। मैं तुमसे अपना बयान वापस लेने का अनुरोध करती हूं।
उन्होंने कहा कि हम लोग खिलाड़ी हैं और हम उस देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, जोकि धर्मनिरपेक्ष और बहुत ही सुंदर है। जब हम जीतते हैं तो ये भी खुशियां मनाते हैं और हमारी जीत उनकी जीत है। बता दें कि पहलवान बबीता फोगाट ने हाल में अपने एक ट्वीट में कहा था कि कोरोना वायरस से ज्यादा चिंता तो भारत के ‘अज्ञानी जमाती’ बने हुए हैं। इस ट्वीट के बाद वह ट्रोल्स होना शुरू हो गई थीं। शुक्रवार को बबीता ने एक वीडियो शेयर कर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया था।
Sorry babita I don’t think this virus sees race or religion..I request you to take back ur statement …we are sportspersons who represented our great nation which is secular and so beautiful…when we win all these people have celebrated us and our wins as their own!! 🙏🏻🙏🏻
— Gutta Jwala 💙 (@Guttajwala) April 17, 2020
बबीता फोगाट ने इस वीडियो में कहा, ‘कुछ दिन पहले मैंने ट्वीट किया था। इसके बाद से कुछ लोग सोशल मीडिया पर गलत-गलत मैसेज करने लगे, गालियां देने लगे और फोन करके धमकी भी देने लगे हैं।
Before d trollers start their attack am here just as an Indian cos when I won medals for the country no one saw which religion I followed or which caste I belonged to,my win was celebrated by every Indian every time…pls let’s not divide our great country 🙏🏻 let’s stand united
— Gutta Jwala 💙 (@Guttajwala) April 17, 2020
उन लोगों को कह रही हूं कि कान खोलकर सुन लो और दिमाग में बैठा लो। मैं कोई जायरा वसीम नहीं हूं, जो तुम्हारी धमकियां सुनकर घर बैठ जाऊंगी। मैं बबीता फोगाट हूं, देश के लिए लड़ी हूं और ऐसे ही लड़ती रहूंगी।
संसार का कोई भी धर्म मानव को मानव से वैर या दुश्मनी रखने की इजाजत नहीं देता। यदि कोई धर्म अन्य धर्म के लोगों से कटुता या वैर रखता है तो वह धर्म नहीं बल्कि अधर्म ही है 🙏🏽
— Vijender Singh (@boxervijender) April 17, 2020
जिन लोगों को सच सुनने में परेशानी है, वे लोग एक बात और सुन लें कि मैं सच बोलती रहूंगी और सच लिखती रहूंगी। अगर सच सुनना पसंद नहीं करते हैं या तो अपनी आदत सुधार लें या फिर सच सुनने की आदत डाल लें।’