तनाव कम करने के लिए सऊदी अरब जाने को तैयार हूं- ईरान विदेश मंत्री

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ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ का कहना है कि अगर हालात मुनासिब रहे तो तेहरान और रियाज़ के बीच तनाव कम करने के लिए वह सऊदी अरब जाने के लिए तैयार हैं।

तनाव कम करने के लिए सऊदी अरब जाने के लिए तैयार
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, सोमवार को तेहरान में एकपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के विषय पर आयोजित एक कांफ़्रेंस में बोलते हुए ज़रीफ़ ने क, परिस्थितियां अगर अनुकूल रहती हैं तो मैं मतभेदों को सुलझाने के लिए रियाज़ जाने के लिए तैयार हूं।

क्षेत्र में शांति लाना चाहता हूं
उन्होंने कहा, तेहरान क्षेत्र में तनाव कम करने और यमन युद्ध की समाप्ति में अपना सहयोग देने के लिए तैयार है और वह इस संबंध में उठाए जाने वाले हर क़दम का स्वागत करेगा। ज़रीफ़ ने यमन के समर्थन पर बल देते हुए क, ईरान हमेशा यमनी जनता के साथ खड़ा रहेगा और हमारा यह मानना है कि यमन युद्ध की समाप्ति से सबसे पहले यमनी जनता को फ़ायदा होगा।

इमरान ख़ान के सम्पर्क में हैं
ईरानी विदेश मंत्री का कहना था कि यमन संकट को लेकर वह लगातार पाकिस्तानी प्रधान मंत्री इमरान ख़ान के संपर्क में हैं। ग़ौरतलब है कि सऊदी अरब द्वारा ईरान के साथ तनाव को कम करने की पहल के बाद पाकिस्तानी प्रधान मंत्री ख़ान ने इस महीने के शुरू में तेहरान की यात्रा की थी।

2015 में ही सऊदी अरब को दी थी चेतावनी
ईरान ने 2015 में यमन युद्ध की शुरूआत में ही सऊदी अरब को चेताया था कि यमन संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है। इसी के साथ तेहरान ने यमन संकट के समाधान के लिए चार सूत्रीय फ़ार्मूला पेश किया था।

हजारों की जाने जा चुकी है
मार्च 2015 में सऊदी अरब ने यमन के पूर्व भगोड़े राष्ट्रपति मंसूर हादी को सत्ता में वापस लौटाने के दावे के साथ यमन पर व्यापक हवाई हमले शुरू किए थे, जिसके कारण अब तक 91,000 से ज़्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं और यमन का आधारभूत ढांचा पूरी तरह से नष्ट हो चुका है।

सऊदी अरब को पहुंचा है आर्थिक नुकसान
इस युद्ध में जहां यमन को अभूतपूर्व जानी व माली नुक़सान पहुंचा है, वहीं सऊदी अरब को भी भारी आर्थिक नुक़सान हुआ है। हालांकि अमरीका और पश्चिमी देशों ने हमलावर देशों को अरबों डॉलर के हथियार बेचकर अपनी ख़ाली होती हुई तिजोरियां भर लीं हैं।