इस्राईली सैनिकों ने वतन वापसी के अधिकार नामक प्रदर्शन में शामिल फ़िलिस्तीनियों पर फ़ायरिंग की जिसमें कम से कम 49 फ़िलिस्तीनी घायल हुए
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नाकाबंदी के घिरे ग़ज़्ज़ा पट्टी में हर शुक्रवार को उन फ़िलिस्तीनियों की वतन वापसी के लिए प्रदर्शन होता है जो 1948 में फ़िलिस्तीन पर इस्राईल के हमले में विस्थापित हुए थे। शुक्रवार को लगातार 78वें हफ़्ते यह प्रदर्शन हुआ।
At least 23 Palestinians were injured by live bullets and many others by rubber-coated rounds as Israeli occupation forces attacked dozens of protesters taking part in the weekly Great March of Return at the Gaza-Israel border, according to medical sources.https://t.co/qJzohZXpgx
— Mohammad Abrar Khan Wardak (پښتون) (@khanabrar643) October 12, 2019
शुक्रवार को हुए प्रदर्शन पर ज़ायोनी सैनिकों ने फ़ायरिंग की जिसमें 22 बच्चों सहित 49 फ़िलिस्तीनी घायल हुए। ग़ज़्जा के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ़ अलक़िद्रा ने बताया कि घायलों में 21 लोग इस्राईली सैनिकों की सीधी फ़ायरिंग में घायल हुए हैं।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, 30 मार्च 2018 से यह साप्ताहिक प्रदर्शन शुरु हुआ जिस पर ज़ायोनी सैनिकों की फ़ायरिंग में अब तक कम से कम 307 फ़िलिस्तीनी शहीद और 18000 से ज़्यादा घायल हुए हैं।
मार्च में संयुक्त राष्ट्र संघ की जांच टीम ने पता लगाया कि ग़ज़्ज़ा पट्टी में फ़िलिस्तीनियों के प्रदर्शन के दमन के दौरान, ज़ायोनी सैनिकों ने ऐसे अपराध किए हैं जो युद्ध अपराध में गिने जाते हैं।
इस्राईल ने ग़ज़्ज़ा पट्टी की जून 2007 से नाकाबंदी कर रखी है जिससे इस इलाक़े की जनता का जीवन स्तर बुरी तरह प्रभावित हुआ है।