जामिया मिलिया इस्लामिया में मंत्री के रिश्तेदार को गलत तरीके से एडमिशन देने पर विवाद, उठे सवाल!

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जामिया मिल्लिया इस्लामिया में स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया है कि एक स्टूडेंट को प्रशासन ने लॉ फैकल्टी में गलत तरीके से एडमिशन दिया है। बुधवार को स्टूडेंट्स ने जामिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इससे जुड़े दस्तावेज पेश किए।

उनका कहना है कि प्रशासन ने नियमों और कानूनों का उल्लंघन कर दिल्ली के एक मंत्री के रिश्तेदार को एक केंद्रीय मंत्री के आदेश पर बिना ऐप्लिकेशन फॉर्म और एंट्रेंस दिए सीधे एलएलबी के चौथे साल में एडमिशन दिया है।

हालांकि, जामिया प्रशासन का कहना है कि उन्हें मामले को पहले देखना होगा, अभी उन्हें यह पूरा मामला नहीं बताया गया है। स्टूडेंट्स का दावा है कि पूरी जानकारी आरटीई से मिली है और प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि ये एडमिशन एक केंद्रीय मंत्री के आदेश पर दिया गया था।

स्टूडेंट्स ने बुधवार को कहा कि जामिया एडमिशन अध्यादेशों को देखा जाए तो उसमें साफ लिखा है कि किसी स्टूडेंट को बिना प्रवेश परीक्षा दिए एडमिशन नहीं दिया जाएगा और ट्रांसफर के आधार पर प्रवेश नहीं दिया जा सकता।

नवभारत टाइम्स डॉट कॉम के अनुसार, जामिया के स्टूडेंट लारैब अहमद नियाजी ने मांग की कि जो भी अधिकारी गड़बड़ी का जिम्मेदार है, उन पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि नेता की सिफारिश पर इस तरह से एडमिशन देना मेहनती स्टूडेंट्स के साथ अन्याय है।

स्टूडेंट्स ने जो दस्तावेज पेश किए हैं, उनके लॉ फैकल्टी के डीन का लेटर है, जिसमें लिखा गया है कि स्पेशल केस के तहत इस स्टूडेंट को बीए एलएलबी ऑनर्स के पांच साल के कोर्स में फोर्थ ईयर में एडमिशन देने की बात की है।

इसमें यह भी कहा गया है कि वीसी की सिफारिश पर यह एडमिशन दिया जा रहा है। स्टूडेंट को इस लेटर में गाजियाबाद के इंस्टिट्यूट से इसी कोर्स का स्टूडेंट भी बताया गया है। जामिया इस मामले में गुरुवार को जवाब देगा।

साभार- ‘नवभारत टाइम्स’