देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की।
इस दौरान दोनों के बीच हिन्दू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने और भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं (मॉब लिंचिंग) सहित कई मुद्दों पर बातचीत हुई। जमीयत से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दोनों की यह मुलाकात शुक्रवार रात संघ के दिल्ली स्थित कार्यालय केशव कुंज में करीब डेढ़ घन्टे तक चली।
Bhagwat meets Jamiat Ulema-e-Hind chief Madani
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— ANI Digital (@ani_digital) August 30, 2019
एक सूत्र ने बताया, ”दोनों की मुलाकात की भूमिका लंबे से तैयार हो रही थी और इसके लिए भाजपा के पूर्व संगठन महासचिव राम लाल मुख्य रूप से प्रयासरत थे। आखिरकार दोनों संगठनों के प्रमुख शुक्रवार रात मिले।”
उन्होंने कहा, ”मौलाना मदनी ने आरएसएस प्रमुख से कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता और सांप्रदायिक सद्भाव के बिना हमारा देश बड़ी ताकत नहीं बन सकता। उन्होंने भीड़ द्वारा हत्या, घृणा अपराधों की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर भी जोर दिया। एनआरसी और कुछ अन्य मुद्दों पर भी बात हुई।”
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, जमीयत के एक पदाधिकारी ने यह भी कहा, ”इस मुलाकात का यह कतई मतलब नहीं है कि हम आरएसएस के नजरिये का समर्थन करते हैं, लेकिन देश की एकजुटता और तरक्की के लिए हमें बातचीत करने से कोई परहेज नहीं है।”
गौरतलब है कि लंबे अरसे बाद जमीयत प्रमुख और आरएसएस के सरसंघचालक के बीच मुलकात हुई है। इससे पहले 2004 में तत्कालीन संघ प्रमुख केएस सुदर्शन और उस वक्त के जमीयत प्रमुख मौलाना असद मदनी के बीच इंडिया हैबिटेट सेंटर में एक कार्यक्रम के दौरान मुलाकात हुई थी।