दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत की 3 दिन की व्याख्यान माला में उन्होंने देश के मुसलमानों को साफ संदेश दिया था कि मुसलमानों के बिना हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना नहीं की जा सकती है।
न्यूज़ नेशन पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा था कि RSS हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों को हिंदू मानता है, अब चाहे वे किसी भी पद्धति से पूजा-अर्चना करते हों।
संघ ने इसी कड़ी में एक कदम और बढ़ाते हुए भविष्य का भारत पुस्तक को उर्दू में भी प्रकाशित करने का फैसला किया है।
भविष्य का भारत पुस्तक को उर्दू में छापने के पीछे RSS का उद्देश्य है कि वे देश के मुसलमानों को उन्हीं की भाषा में संघ के विचारों को समझाया जा सके।
इसके अलावा भविष्य का भारत में संघ मुसलमानों की क्या भूमिका देखता है.. इस पर भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
भविष्य का भारत’ नाम की ये पुस्तक हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, पंजाबी, कन्नड़ सहित कई भाषाओं में आ चुकी है।
देश के बड़े अल्पसंख्यक वर्ग तक संघ की सोच पहुंचाने के लिए अब इस पुस्तक का उर्दू में भी अनुवाद कराने का निर्णय किया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सह सर कार्यवाह कृष्ण गोपाल जी उपस्थिति में उर्दू रूपांतरण का लोकार्पण किया जाएगा। अल्पसंख्यक समुदाय को उनकी ही भाषा मे संघ की सोच को पहुंचाने के लिए ये एक नई पहल की जा रही है।