संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय बीएचयू में विवि प्रशासन की ओर से धरना खत्म होने के दावे को झुठलाते हुए छात्र प्रदर्शन के 16 वें दिन धरना स्थल पर सुबह जहां बैठकर भजन कीर्तन करते नजर आए।
https://youtu.be/so4yZajkjkI
छात्रों ने कक्षा बहिष्कार करने की चेतावनी दी
हालांकि देर शाम तक बीएचयू के छात्रों का धरना दस दिन की मोहलत के साथ ही समाप्त हो गया, छात्रों ने हालांकि बताया कि अब अन्य माध्यमों से करेंगे अपना आंदोलन चलाएंगे और छात्र कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे छात्र।
हमारी भाषाएँ और संस्कृति हमारी विशेषता है, हमारी मजबूती है। संस्कृत भाषा में ही लिखा गया है, “सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
इस भाषा में विशालता है। हमारे देश के संविधान में विशालता है। विश्वविद्यालय में संस्कृत कोई भी अध्यापक पढ़ा सकते हैं।https://t.co/OvlFGH2l7n
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 21, 2019
परिक्षा का भी बहिष्कार कर सकते हैं
वहीं छात्र आगामी परीक्षा का भी बहिष्कार कर सकते हैं, कहा कि सांकेतिक धरना का क्रम जारी रहेगा। दूसरी ओर शुक्रवार की दोपहर आरएसएस की ओर से भी इस मामले में पत्र जारी कर बीएचयू में फिरोज खान की नियुक्ति का समर्थन किया गया।
2. बीएचयू द्वारा एक अति-उपयुक्त मुस्लिम संस्कृत विद्वान को अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त करना टैलेन्ट को सही प्रश्रय देना ही माना जाएगा और इस सम्बंध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को करने की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए। सरकार इसपर तुरन्त समुचित ध्यान दे तो बेहतर होगा
— Mayawati (@Mayawati) November 21, 2019
संघ का आया बयान
काशी में आरएसएस के विभाग संघ चालक डा. जय प्रकाश लाल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक बैठक हुई, जिसमें डा. फिरोज खान के संस्कृत विद्या एवं धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में नियुक्ति के संदर्भ में चल रहे विवाद से संबंधित सभी पहलुओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया।
Stunned by the protest against professor Feroz Khan !what language has to do with Religion!?!?!? Irony is professor Feroz has done his masters and PhD in Sanskrit !!! For Heavens sake stop this god damn idiocy !
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) November 19, 2019
By same logic great singer late Shri Mohammad Rafi ji should not have sung any BHAJANS and Naushad Saab should not have composed it !!!!
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) November 19, 2019
फिरोज़ खान का विरोध गलत
संघ का मत है कि डा. फिरोज खान का विरोध करना गलत है। संघ उससे सहमत नहीं है और संघ का स्पष्ट और दृढ मत है कि संस्कृत साहित्य को समर्पित व श्रद्धा भाव से उसे पढ़ाने वाले, वैधानिक चयन प्रक्रिया से नियुक्त किसी भी व्यक्ति का सांप्रदायिक आधार पर विरोध विधि विरुद्ध व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है।
Justice Giridhar Malviya, Chancellor of BHU on protests against appointment of Prof Firoz Khan in Sanskrit dept: Stand taken by the students is wrong. Mahamana (BHU founder, Madan Mohan Malaviya) had a broad thinking. Had he been alive, he would have certainly backed appointment. pic.twitter.com/IjUvdrt5ix
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 21, 2019
संघ इस वृत्ति, प्रवृत्ति का विरोध करता है। यह संस्कृत भाषा व साहित्य का प्रसार व प्रभाव है जिसका लाभ संपूर्ण विश्व के सभी को मिलना चाहिए।