इस समय जब भारतीय जनता पार्टी तेलंगाना में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है, आरएसएस की मुस्लिम शाखा (मुस्लिम राष्ट्रीय मंच) ने पहली बार राज्य भर में जिला इकाइयां खोली हैं।
मंच ने लगभग चार साल पहले हैदराबाद में सिर्फ दो सदस्यों के साथ अपना कार्यालय खोला था। पदाधिकारियों का दावा है कि आज हैदराबाद में उनके लगभग तीन हजार सदस्य हैं।
अब इस साल के अंत तक उन लोगों ने राज्य में दस हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। मंच अगले महीने आंध्र प्रदेश में भी कार्यालय खोलेगा। मंच ने अगले महीन आंध्र प्रदेश में भी अपना कार्यालय खोलने का प्लान बनाया है।
Mission 2024? RSS Muslim wing opens units across Telangana https://t.co/7380srnMsB pic.twitter.com/imptfwUPeC
— The Times Of India (@timesofindia) July 3, 2019
मिशन 2024 की योजना के तहत आरएसएस ने दो तेलुगु राज्यों में मुसलमानों से जुड़ने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन शुरू किया है। आरएसएस के वरिष्ठ नेता और एमआरएम संरक्षक इंद्रेश कुमार ने रविवार को शहर में एक बैठक को संबोधित किया।
इस महीने के अंत में वह फिर से तेलंगाना आएंगे। जबकि आंध्र प्रदेश में अगले महीने उनकी यात्रा प्रस्तावित है। 2010 में इंद्रेश कुमार से 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में सीबीआई ने पूछताछ की थी। आरएसएस नेता ने लगातार यही कहा था कि उन्हें राजनीति का शिकार बनाकर झूठा फंसाया जा रहा है।
आरएसएस उत्तर भारत में एमआरएम के माध्यम से मुसलमानों के साथ बातचीत सत्र आयोजिन करता रहा है, यह पहली बार है जब मंच ने दो तेलुगु राज्यों में अल्पसंख्यकों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश लिए एमआरएम का मुख्यालय हैदराबाद के अफजलगंज में बनाया गया है।
इसके संचालन का क्षेत्र मुख्य रूप से हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र में है, जहां से बीते तीन दशकों से असदुद्दीन ओवैसी सांसद हैं। एमआईएम का गढ़ माने जाने वाले ओल्ड सिटी में रविवार को बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में मुस्लिम धार्मिक विद्वान मौलाना शिक मोइनुद्दीन शाह कादरी इंद्रेश कुमार के साथ मंच पर बैठे।
हालांकि, बैठक में कई लोगों ने भौंहें तान लीं और स्थानीय मुस्लिम नेताओं ने इसकी आलोचना की। इस बैठक में नागपुर से आरएसएस नेता वीराग पचपोर भी पहुंचे थे।
साभार- ‘नवभारत टाइम्स’