महामारी ने सांप्रदायिकरण की राजनीति करने वालों को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अफवाह फैलाने का एक और बहाना दे दिया है और कई लोग इनमें विश्वास कर मुस्लिमों को शिकार बना रहे हैं।
भास्कर भट्ट दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के भगवती गार्डन एक्सटेंशन इलाके में रहते हैं। गुरूवार 16 अप्रैल को उन्हें मजबूर हो कर उनके एक वृद्ध पड़ोसी को पुलिस बुलाने की धमकी देनी पड़ी।
भास्कर का पड़ोसी उनके मोहल्ले में सब्जी बेचने आए सब्जी वाले पर आरोप लगा रहा था कि वो लोग थूक लगा कर सब्जी बेच रहे हैं। आरोप लगाने के बाद उसने सब्जी वाले से उसका आधार कार्ड मांगा। दरअसल वो जानना यह चाह रहा था कि सब्जी वाला हिन्दू है या मुसलमान।
भास्कर की धमकी पर उसने सब्जी वाले को परेशान करना छोड़ दिया, लेकिन भास्कर कहते हैं कि यह इस बात की गारंटी नहीं है कि वो दोबारा ऐसा नहीं करेगा।
पिछले कुछ दिनों में भारत में इस तरह की अफवाहों का बाजार गर्म हो चुका हैै। वैसे देश में अफवाहों का यह तंत्र कोविड-19 के आने के पहले भी सक्रीय था लेकिन महामारी के फैलने के बाद इसका संकट और गहरा गया है।
आरोप लग रहे हैं कि सांप्रदायिकरण की राजनीति करने वालों को मुसलमानों के खिलाफ अफवाह फैलाने का एक और बहाना मिल गया है और पूर्वाग्रह से ग्रसित आम लोग भी अफवाह में फंस जा रहे हैं।
दिल्ली के ही ताजपुर रोड इलाके से पुलिस ने हाल ही में एक व्यक्ति को एक सब्जी वाले को पीटने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
सब्जी वाला मुस्लिम था और वह व्यक्ति उस पर इसलिए नाराज था क्योंकि उसके अनुसार सब्जी वाले ने उसकी गली में लागू मुस्लिम रेहड़ी वालों के आने पर लगे कथित प्रतिबंध का उल्लंघन किया था।
कई लोग सोशल मीडिया पर खुलेआम घोषणा कर रहे हैं कि वह ऐसा करेंगे और पुलिस को चुनौती भी दे रहे हैं।
साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी