अमेरिका और ईरान के बढ़ते तनाव के बीच रूस ने आगाह किया है कि वह संयुक्त राष्ट्र में तेहरान के खिलाफ किसी भी कार्रवाई का पुरजोर विरोध करेगा।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने मंगलवार को साफ कर दिया कि इस्लामिक गणराज्य के खिलाफ वह किसी भी तरह के हथियारों के प्रतिबंधों में अमेरिकी प्रयास एवं पहल का मास्को प्रबल विरोध करेगा। मास्को के इस हस्तक्षेप के साथ वाशिंगटन-तेहरान संघर्ष अब एक नए मोड़ पर आ गया है।
रूस के राजदूत के इस बयान के बाद यह तय हो गया है कि ईरान के विरोध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
खासतौर पर तब जब रूस के पास वीटो का अधिकार है। मास्को का यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में ईरान के हथियार प्रतिबंधों के विस्तार के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के संकेत दिए हैं।
इस बाबत अप्रैल में परिषद के सदस्यों की वार्ता हुई थी। बता दें कि ईरान पर प्रतिबंधों की समय सीमा अक्टूबर में समाप्त हो रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को जायज ठहराया था। उन्होंने कहा था कि वर्ष 2015 का समझौता ठीक नहीं था।
ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान समझौते के तहत आने वाले सभी बातों को पालन नहीं करता तो वह कुछ ही समय में परमाणु हथियार विकसित करने में सक्षम होगा।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई देश ईरान की मदद करता है तो अमरीका उस पर भी प्रतिबंध लगाएगा।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई देश ईरान की मदद करता है तो अमरीका उस पर भी प्रतिबंध लगाएगा। इसके बाद अमेरिका का महाशक्तियों से भी संघर्ष की स्थिति बन गई।