सौरव गांगुली की बेटी सना ने नागरिकता कानून के खिलाफ उठाई आवाज

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बीसीसीआई अध्यक्ष और क्रिकेटर सौरव गांगुली की बेटी सना गांगुली ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर जारी बवाल पर बीजेपी सरकार और आरएसएस पर तीखा हमला बोला है. सौरव गांगुली ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपनी बेटी का पोस्ट शेयर किया है. जिसमें सना गांगुली ने मशहूर लेखक खुशवंत सिंह की किताब द एंड ऑफ इंडिया के एक अंश का जिक्र करते हुए देश की मौजूदा स्थितियों की फासीवाद से तुलना की है.

खुशवंत सिंह की यह किताब 2003 में पब्लिश हुई थी. इस किताब में 1984 सिख दंगों और 2002 गुजरात दंगों का जिक्र किया गया है और बताया गया है कि कैसे धर्म के नाम पर देश में आग लगाई जा रही है.

सना गांगुली ने खुशवंत सिहं की किताब द एंड ऑफ इंडिया के जिस अंश को शेयर किया है उसमें यह लिखा है-

हर फासीवादी शासन को आगे बढ़ने के लिए ऐसे समुदायों और समूहों की जरूरत होती है, जो द्वेष फैला सके. इसकी शुरुआत एक समूह या दो से होती है, लेकिन यह कभी खत्म नहीं होता है. नफरत पर बना एक आंदोलन खुद को लगातार बनाए रखने के लिए केवल भय ही पैदा करता है. आज हममें से जो लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, वो इसलिए क्योंकि हम किसी मूर्ख के स्वर्ग में रहने वाले मुसलमान या ईसाई नहीं हैं. संघ के निशाने पर पहले से ही वामपंथी इतिहासकार और पश्चिमी विचारधारा वाले युवा रहे हैं.’

‘कल ये लोग स्कर्ट पहनने वाली महिलाओं से नफरत करेंगे. जो मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, विदेशी फिल्मों देखते हैं, मंदिर-तीर्थस्थानों पर नहीं जाते, दंत मंजन के बजाय टूथपेस्ट का उपयोग करते हैं, वैद के बजाय एलोपैथिक चिकित्सकों के पास जाते हैं, जय श्रीराम बोलने के बजाय किस कर या हाथ मिलाकर बात करते हैं, उन सभी से नफरत करेंगे. कोई सुरक्षित नहीं है. अगर हम भारत को जीवित रखने की उम्मीद करते हैं तो हमें इसका एहसास होना चाहिए.’

सौरव गांगुली की बेटी सना गांगुली की उम्र 18 साल है. उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई है. हालांकि उनके पिता सौरव का इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है. दूसरी तरफ अन्य खिलाड़ियों ने भी इस मामले पर चुप्पी बरती हुई है. हालांकि इरफान पठान ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रदर्शनकारियों से हिंसक न होने की अपील की है.