बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रोफेसर फिरोज खान की संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान विभाग में नियुक्ति के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन के बाद प्रोफेसर को एएमयू से समर्थन मिला है।
BHU Assistant Professor Firoze Khan: ‘Studied Sanskrit all my life, never made to feel I am Muslim, but now…’ | India News, The Indian Express https://t.co/UQAqYvSWch
— Nidhi Razdan (@Nidhi) November 19, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, बीएचयू के छात्र फिरोज के मुस्लिम होने के कारण उनकी नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं, वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र उनके समर्थन में आगे आए हैं।
BHU continues to back Firoze Khan’s appointment in the Sanskrit facultyhttps://t.co/TunIcjzL8z
— IndiaToday (@IndiaToday) November 19, 2019
बीएचयू को लिखे एक पत्र में एएमयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने कहा, “खान के सार्वजनिक बयान से हमें बहुत दुख हुआ। मुस्लिम होने के कारण विरोध होने पर बीएचयू में उन्हें अपमान महसूस होता है।”
उन्होंने कहा, “हम उनके और उनकी योग्यता के साथ हैं। अगर उनके साथ कुछ गलत हुआ तो हम शांत नहीं रहेंगे। उनका जीवन, उनकी आजादी और सुरक्षा के बारे में सबसे पहले सोचा जाना चाहिए। उन्हें सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में पढ़ाने का मौका दिया जाना चाहिए।”
पत्र में आगे लिखा गया है, “हम उन छात्रों के असंवेदनशील व्यवहार की निंदा करते हैं, जो मानते हैं कि एक मुस्लिम बीएचयू में संस्कृत पढ़ या पढ़ा नहीं सकता। यह शर्मनाक है। हम आपसे इन छात्रों को भारत की विविधिता, बहुलता, संवैधानिक प्रकृति की शिक्षा देने का आग्रह करते हैं।”
छात्रसंघ के उपाध्यक्ष हमजा सूफयान ने कहा, “प्रोफेसर को यूजीसी के नियमों के अनुसार नियुक्त किया गया था और धर्म के आधार पर उनके साथ भेदभाव उस वातावरण की मानसिकता दिखती है, जो इन छात्रों ने दिखाया है।”