कश्मीर में जमीनी हालात काफी बदल गई है- राज्यपाल सत्यपाल मलिक

   

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि कश्मीर घाटी में जमीन पर हालात काफी बदले हैं। पिछले 30 साल में पहली बार यह हुआ है कि गृह मंत्री के दौरे के दौरान हुर्रियत ने बंद की घोषणा नहीं की, जबकि पहले प्रधानमंत्री या गृह मंत्री के दौरे पर अलगाववादियों की ओर से हड़ताल की कॉल दी जाती थी।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, पहले जो हुर्रियत दरवाजे नहीं खोलती थी उसने खुद बातचीत की पेशकश की है। जेकेएलएफ ने भी बातचीत शुरू करने को कहा है। वे लेह में सिंधु दर्शन यात्रा का शुभारंभ करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि घाटी में पत्थरबाजी तथा आतंकियों की नई भर्तियां बिल्कुल बंद हैं। जमीन पर माहौल बेहतर हुआ है। सरकार ने ‘बैक टू विलेज’ कार्यक्रम चलाया, जिसमें लोगों ने कहा कि 70 साल में पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है। यह आश्चर्य ही है कि मारे गए हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के गांव में आतंकी जाकिर मूसा का पिता इस कार्यक्रम के तहत आयोजित पंचायत में शामिल हुए।

इससे पहले उन्होंने सिंधु दर्शन उत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि अपनी भावी पीढ़ियों के लिए नदियों की रक्षा की जाए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने क्षेत्र की संस्कृति बढ़ाने में सिंधु नदी के योगदान को ध्यान में रखकर सिंधु दर्शन शुरू किया था। उन्होंने तीन से चार दिन का सिंधु मेला आयोजित करने पर बल दिया ताकि विश्व भर के लोग लद्दाख की समृद्ध संस्कृति से परिचित हो सकें।

राज्यपाल ने लद्दाख के लोगों की ईमानदारी, आतिथ्य परंपरा तथा शांत स्वभाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि लद्दाख से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। उन्होंने लेह, कारगिल तथा जंस्कार के समान विकास का भरोसा दिलाया।

साथ ही कहा कि लेह व कारगिल में डिवीजन आफिस बिना किसी भेदभाव तथा लोगों की जरूरत के अनुसार खोले जाएंगे। पर्यटन विभाग के साथ ही लद्दाख हिल डेवलपमेंट कौंसिल व अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।