कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को लगातार झटके मिल रहे हैं। एक तरफ से सऊदी अरब कश्मीर पर भारत के रुख को समझ रहा है और उसका मानना है कि भारत जो भी कर रहा है वह अपनी आबादी की बेहतरी के लिये कर रहा है।
#SaudiArabia joined ranks with #India to prevent attacks on sovereignty of states and rejected any attempt to link international terror to any particular race, religion or culture https://t.co/XCHz4eXTcS
— Economic Times (@EconomicTimes) October 30, 2019
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को एक बयान में कश्मीर को फिर से भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा बताया।
बोरिस जॉनसन ने संसद में कहा कि कश्मीर पर ब्रिटेन का लंबे समय से रुख रहा है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है। इस रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है लेकिन घाटी की स्थिति देश के लिए ‘गहन’ चिंता का विषय है।
यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के हालात का जायजा लेने के लिए जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचने की पृष्ठभूमि में जॉनसन का यह बयान आया है।
बुधवार को एक भारतीय सूत्र ने बताया, ‘‘कश्मीर पर भारत के रुख को लेकर सऊदी अरब में वृहद राजनीतिक समझ है।’’ उन्होंने बताया कि मोदी और सऊदी अरब के शीर्ष नेतृत्व के बीच मंगलवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कश्मीर पर कोई चर्चा नहीं की गई।
हालांकि, उन्होंने यह कहा कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत में पाकिस्तान का जिक्र किया गया।
कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला मानता है सऊदी अरब!
सूत्र ने कहा, ‘‘सऊदी अरब कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला मानता है।’’ इसी के साथ उन्होंने संकेत दे दिया कि इस मुद्दे पर सऊदी अरब, पाकिस्तान के पक्ष में नहीं है।
मोदी और सऊदी अरब के वली अहद (युवराज) के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में मंगलवार को ‘‘देशों के आंतरिक मामलों में सभी रूपों में हस्तक्षेप को खारिज कर दिया।’’