अलजज़ीरा टीवी चैनल ने पांचवे साल जारी सऊदी अरब के यमन पर हमले से होने वाले नुक़सान का जायज़ा लिया है।
अली हिजाज़ी ने अलजज़ीरा पर एक बात चीत में कहा है कि यमन युद्ध से सऊदी अरब को कम से कम 800 अरब डालर अर्थात लगभग 57600 हज़ार करोड़ का नुक़सान हुआ है।
उन्होंने बताया कि सन 2014 में सऊदी अरब के विदेशी मुद्रा भंडार 787 अरब डालर था जो सन 2017 में 487 अरब डालर हो गया।
As war in Yemen rages on and controversy around Jamal Khashoggi's murder lingers, Saudi Arabia is turning to influencers to shed a positive light on the country as it slowly opens up to tourism https://t.co/XVpZsYIGMJ pic.twitter.com/xtSZMsRMG0
— Campaign (@Campaignmag) October 16, 2019
उन्होंने इसी प्रकार बताया है कि सऊदी अरब बाज़ार से सीमा से अधिक क़र्ज़ा लेने पर मजबूर हो गया और यमन युद्ध के दौरान सऊदी अरब पर क़र्ज़, 91 अरब डालर से बढ़ गर 149 अरब डालर हो गया है।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, वरिष्ठ पत्रकार अली हिजाज़ी ने इसी प्रकार अलजज़ीरा को बताया कि रियाज़ की 382 कंपनियों सहित सऊदी अरब की कुल 500 बड़ी कंपनियों के दिवालिया होने की फाइल सऊदी अरब की अदालतों में विचाराधीन ह और व्यापारियों की बड़ी संख्या सऊदी अरब छोड़ कर बाहर जा चुकी है।
इस युद्ध में सऊदी अरब से लड़ने वाले हौसियों ने कुछ हज़ार डालर का बजट ही लगाया है।
सऊदी अरब को यमन युद्ध में आर्थिक नुक़सान के साथ ही कई अन्य तरह के नुक़सान भी पहुंचे हैं। इसके साथ ही उसके मुख्य घटक यूएई ने यमन युद्ध छोड़ने का उस वक्त एलान कर दिया जब सऊदी अरब को उसकी सब से अधिक ज़रूरत थी।