क्या लाखों अवैध रूप से गये श्रमिक सऊदी अरब में फंसे हुए हैं?

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बेरोजगार और टूट चुके सूडान के बिजली मिस्त्री हातिम अनगिनत अवैध श्रमिकों की तरह अधर में फंसे हुए हैं।

 

लेकिन उन्हें उम्मीद है कि तेजी से फैलते कोरोना वायरस की वजह से उन्हें सऊदी अरब से बचकर निकलने का मौका दिया जाएगा।

 

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, कोरोना वायरस की वजह से सऊदी अरब से प्रवासी श्रमिकों का बड़ा तबका पलायन कर रहा है लेकिन अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि संभावित रूप से लाखौं अवैध श्रमिक सऊदी अरब में फंसे हुए हैं, जो कि इस बीमारी से लड़ने के प्रयासों को जटिल बना रहे हैं।

 

कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी ने श्रमिकों के साथ होने वाले प्रणालीगत अन्याय को नंगा कर दिया है, भीड़भाड़ वाले आवासीय परिसर में रहना, नियोक्ता द्वारा शोषण और सहारे की कमी से सऊदी में अवैध रूप से रह रहे श्रमिक जूझ रहे हैं।

 

अधिकार समूहों ने सऊदी अरब से लंबे समय से चल रही श्रम नीति में सुधार की मांग की है। साथ ही उनकी मांग है कि कर्ज में डूबे गरीब श्रमिकों को सऊदी माफ कर दे और उन्हें जाने दे ताकि उस स्थिति से बचा जा सके जिससे महामारी के बढ़ने का खतरा हो।

 

दरअसल समस्या की जड़ “कफाला” प्रायोजन प्रणाली है, जिसे आलोचक आधुनिक समय की गुलामी कहते हैं।

 

कफाला के तहत श्रमिक अपने नियोक्ता के साथ एक तरह से बंध जाता है, सऊदी नियोक्ता की मंजूरी के बिना श्रमिक राज्य से बाहर नहीं जा सकते और ना ही नौकरी बदल सकते हैं।

 

गिरफ्तारी से बचने के लिए 45 साल के हातिम छिपे हुए हैं. एएफपी ने चार ऐसे श्रमिकों से बात की जिनके पास दस्तावेज नहीं है।

 

हातिम कहते हैं, “मेरे छह बच्चे, बूढ़ी मां और बहन सूडान में बहुत कठिन स्थिति में रह रही हैं। लेकिन मैं और ज्यादा बदहाली में जी रहा हूं.” रियाद के एक मैले और छोटे अपार्टमेंट में वह और अन्य कर्मचारियों के साथ रहते हैं। हातिम कहते हैं, “प्रायोजन प्रणाली बहुत अन्यायपूर्ण है।

 

हातिम नौकरी करने साल 2016 में सऊदी अरब आए थे। सऊदी अरब में एक करोड़ के करीब विदेशी नागरिक काम करते हैं, हाल के वर्षों में देश लाखों गैर कानूनी रूप से काम कर रहे मजदूरों को निष्कासित कर चुका है।

 

लेकिन हातिम की तरह कई ऐसे हैं जिनके ऊपर कर्ज है और वे देश छोड़कर तब तक नहीं जा सकते जब तक वे अपना कर्ज चुका ना दें. प्रवासी के अधिकारों के लिए काम करने वाले अनस शाकिर कहते हैं।

 

सऊदी सरकार को अनियमित प्रवासियों के लिए अपनी स्थिति को नियमित करने या अपने वतन लौटने के लिए एक माफी की पेशकश करनी चाहिए।

 

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी