सऊदी अरब ने आरोप लगाया है कि उसके तेल ठिकानों पर हुए हमले में ईरान का शस्त्रों का इस्तेमाल किया गया है। ट्विटर पर जारी एक बयान में किंगडम के विदेश मंत्रालय ने कहा है हमारा मुल्क इस धिनौने अपराध की निंदा करता है।
यह कृत्य विश्व शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है। मंत्रालय ने कहा कि इस हमले का प्राथमिक लक्ष्य वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को प्रभावित करना है।
सऊदी अरब ने संयुक्त राष्ट्र एवं अतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को अपने देश में आकर इस कृत्य की जमीनी जांच का न्यौता दिया है। इससे दुनिया के सामने पूरी सच्चाई उजागर हो सके।
#SaudiArabia will invite international experts including from the United Nations to participate in investigating an attack on its oil facilities and called on the world to condemn those behind it, its foreign ministry said on Monday.
https://t.co/udrx6cRMP6— Michelle Nichols (@michellenichols) September 16, 2019
सऊदी की यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब अमेरिका ने पहले ही इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराते हुए सख्त प्रतिक्रिया दी है। बता दें कि सऊदी अरब के तेल संयत्रों पर ड्रोन हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान सामने आया है।
Saudi Arabia will invite UN and International experts to participate in the investigations and will take the appropriate measures based on the results of the investigation. #SaudiArabia #SaudiAramco #iran #usa #Saudi_Arabia https://t.co/Mt8DpyFbxl
— ZeeshanHaiderBBC (@ZesHPirzadA) September 16, 2019
ट्रंप ने कहा कि सऊदी अरब के तेल भंडारण पर हमला करने के जवाब में सैन्य कार्रवाई के संकेत दिए हैं। यह पहली दफा है जब राष्ट्रपति ने हमले की संभावित सैन्य प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, सउदी के तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले के पीछे ईरान का हाथ होने का आरोप लगाने के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने ईरानी समकक्ष हसन रूहानी से मुलाकात कर सकते हैं।
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपने सहयोगियों के हितों का भी ध्यान रखेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन देशों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके। राजनयिक ने कहा कि इस समस्या के लिए ईरान की आक्रमकता जिम्मेदार है।
उधर, तेहरान ने अमेरिका की इस प्रतिक्रिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने कहा है इस तरह के आरोप अर्थहीन और बेबुनियाद है।