सऊदी अरब और ईरान के बीच बढ़ता तनाव पाकिस्तान की चिंता को बढ़ा रहा है. ऐसे में, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान मध्य पूर्व के दो महाबलियों के बीच सुलह कराने के लिए मैदान में उतरे हैं. क्या वह इसमें सफल हो पाएंगे?
Unbroken chain of delusion, from Khilafat Movement’s 1926 effort to address ‘The Hijaz Issue’ to Imran Khan’s ‘mediation effort’ between Saudi Arabia & Iran. Why cant Pan-Islamist subcontinent Muslims/ Pakistanis focus on problems at home before saving the ummah? 🤔 pic.twitter.com/WjviUlWnfv
— Husain Haqqani (@husainhaqqani) October 13, 2019
पिछले दिनों प्रधानमंत्री इमरान खान ने तेहरान में ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी से मुलाकात की. पाकिस्तान सरकार का कहना है कि इमरान खान के ईरान दौरे का मकसद “क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना है.” इस साल यह इमरान खान का दूसरा ईरान दौरा है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ एक साझा बयान में ईरानी राष्ट्रपति ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री इमरान को बताया है कि हम क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने वाले हर कदम का स्वागत करते हैं और अपने देश की उनकी यात्रा को सराहते हैं.”
Imran Khan announced that he would travel to Saudi Arabia on Tuesday to move his de-escalation initiative forward. He emphasized that he would play the role of “facilitator” and not a mediator between #Iran and #SaudiArabia. https://t.co/f3tKjFDjTK
— Iran International English (@IranIntl_En) October 13, 2019
राष्ट्रपति रोहानी ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच अन्य मुद्दों के अलावा यमन युद्ध और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर भी बातचीत हुई. ईरानी राष्ट्रपति ने कहा, “क्षेत्रीय मुद्दों को क्षेत्रीय तरीकों और संवाद से हल किया जाना चाहिए. हम जोर देकर इस बात को कहते हैं कि किसी भी अच्छे कदम का जवाब हम भी अच्छे कदम और अच्छे शब्दों से देंगे.”
#PM_Imran_Khan met with Saudi #King_Shah_Salman and discuss #mediation process between #Iran and #Saudi_Arabia to remove rumours and differences spread by Enemy to create enmity between two #brotherhood #Muslims Countries. #Unity_is_Strength pic.twitter.com/83n8z6uobn
— Siasi King (@KingSiasi) October 15, 2019
आखिर पाकिस्तान क्यों है चिंतित?
ईरान के बाद इमरान खान सऊदी अरब का दौरा भी कर रहे हैं, जो मध्य पूर्व में पाकिस्तान का अहम सहयोगी है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का कहना है कि पिछले महीने जब वह अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मिले, तो उन्होंने उनसे सऊदी अरब और ईरान के बीच “मध्यस्थता” करने को कहा. हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐसे दावे से इनकार किया है.
Tension has been simmering between Iran and Saudi Arabia ever since the start of attacks on Yemen in 2015.https://t.co/GvlWi8ZpE3
— IndiaToday (@IndiaToday) October 15, 2019
क्या ईरान और सऊदी अरब में कम होगा तनाव?
बाजवूद इसके, पाकिस्तान सऊदी अरब और ईरान के बीच तनाव घटाने की कोशिश में लगा है. उसे डर है कि ईरान के साथ अमेरिका समर्थित कोई भी युद्ध बड़ी संख्या में लोगों को ईरान से पाकिस्तान की तरफ धकेल सकता है. इससे पाकिस्तान के भीतर बहुसंख्यक सुन्नी और अल्पसंख्यक शिया समुदाय के बीच हिंसक टकराव हो सकता है.
इसके अलावा तेल का संकट पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था को और चौपट कर सकता है. प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ पार्टी का कहना है, “पाकिस्तान ईरान के साथ अपने दोतरफा संबंधों को बहुत अहमियत देता है. पाकिस्तान क्षेत्र में शांति और स्थिरता को मजबूत करने को लेकर अपनी भूमिका को निभाने का इच्छुक है.”
साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी