क्या इस्लाम को दरकिनार कर सऊदी अरब आधुनिक रास्ते पर चलना चाहता है?

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पिछले कुछ समय से अपनी कट्टरवादी छवि तोड़ते हुए सऊदी आधुनिकता के रास्ते पर बढ़ रहा था। लेकिन अब सार्वजनिक शालीनता कानून ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। आम लोगों को धार्मिक पुलिस के सक्रिय होने का डर सताने लगा है।

डी डब्ल्यू पर छपी खबर के अनुसार, सऊदी अरब में उदारीकरण और बदलाव की कोशिशों के चलते पिछले कुछ समय से देश में आक्रामक मानी जाने वाली इस्लामिक धार्मिक पुलिस की सक्रियता लगभग खत्म हो गई थी।

लेकिन अब नए “सार्वजनिक शालीनता” कानून की योजना ने विवाद पैदा कर दिया है। लोगों को डर है कि कहीं इस कानून के बाद नैतिकता और धर्म का पाठ पढ़ाने वाली पुलिस फिर से सक्रिय ना हो जाए।

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले सालों में अपने देश की रुढ़िवादी छवि को बदलने के लिए कई कदम उठाए। इसी का नतीजा था कि देश में सिनेमा घर खुले, खेल, योग, क्रॉन्सर्ट सभी के लिए मौके नजर आए. माना गया कि क्राउन प्रिंस अपने देश को कट्टरपंथ से निकाल कर नरम इस्लाम की ओर ले जाना चाहते हैं।

हालांकि अब सऊदी एक नए “सार्वजनिक शालीनता कानून” पर विचार कर रहा है। अप्रैल में कैबिनेट की मंजूरी पा चुके इस कानून में पुलिस आम लोगों के व्यवहार पर नजर रखेगी। इस कानून का मकसद होगा सऊदी मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा करना।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक इसमें लोगों के कपड़ों से लेकर दीवारों पर ग्रैफिटी करना भी हानिकारक माना जा सकता है। जो भी कानून का उल्लंघन करेगा उस पर पांच हजार रियाल मतलब करीब 92 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। हालांकि अब तक इस कानून को लागू नहीं किया गया है।