तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगन ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान कुआलालंपुर इस्लामिक शिखर सम्मेलन में नहीं आया क्योंकि उसे सऊदी अरब की ओर से आने से धमकी दी गई थी।
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, एर्दोगन ने दावा किया कि सऊदी अरब सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी दी थी, इस डर की वजह से वह कुआलालंपुर इस्लामिक शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ।
बता दें, इस सप्ताह के शुरू में मलेशिया द्वारा आयोजित इस्लामिक शिखर सम्मेलन में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और मिस्र जैसे देशों को शामिल नहीं किया गया था।
किस्तान की आर्थिक बदहाली को कम करने में इन देशों की मदद का हाथ रहता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी अरब गए और वहां से लौटने के बाद ऐलान किया कि वह कुआलालंपुर नहीं जा रहे हैं। बाद में साफ हुआ कि पाकिस्तान से कोई नहीं जा रहा है।
न्यूज़ स्टेट पर छपी खबर के अनुसार, सऊदी अरब और यूएई को इस बात का अंदेशा है कि कुआलालंपुर में बुधवार से शुरू हुआ मुस्लिम देशों का सम्मेलन सऊदी अरब स्थित आर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) के समानांतर एक नया संगठन खड़ा करने का प्रयास है।
इसमें सऊदी अरब और यूएई से अच्छे संबंध नहीं रखने वाले ईरान, कतर और एक हद तक तुर्की की भी खास भूमिका ने इन दोनों देशों को चौकन्ना कर दिया।
इनकी तरफ से पाकिस्तान पर दबाव डाला गया और इनकी आर्थिक मदद के तलबगार पाकिस्तान को इनकी बात माननी पड़ी। जबकि, इस सम्मेलन की रूपरेखा बनाने में इमरान खान, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगान और मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के साथ सबसे आगे रहे थे। इमरान ने महाथिर को फोन कर आने में असमर्थता जता दी।