SC में बोला मुस्लिम पक्ष- विवादित स्थल पर मंदिर का सबूत नहीं, ASI भी यह साबित नहीं कर पाया

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उच्चतम न्यायालय में अयोध्या विवाद की आज 17वें दिन की सुनवाई हुई, जिसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दलील दी कि विवादित स्थल पर मंदिर का कोई सबूत नहीं है।

बोर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण तथा न्यायमूर्ति एस अब्दुल नीर की संविधान पीठ के समक्ष अपनी दलीलें शुरू की। उन्होंने कहा कि विवादित स्थल पर मंदिर का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सव्रेक्षण (एएसआई) विभाग भी यह साबित नहीं कर पाया है।

श्री धवन ने दलील दी कि अयोध्या में लोगों द्वारा परिक्रमा करने संबंधी एक दलील हिन्दू पक्षकार ने दी है, लेकिन पूजा के लिए की जाने वाली भगवान की  परिक्रमा सबूत नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा, ‘‘परिक्रमा पूजा का एक प्रकार है जिस बारे में हिंदू पक्षकार ने दलील थी, लेकिन वह साक्ष्य नहीं हो सकता। हिंदू पक्षकारों ने आक्रमण पर दलील दी है। मैं उसमें नहीं जाना चाहता। मैं आक्रमण की दलील को खारिज करता हूं। दूसरे पक्षकार यानी हिंदू पक्षकारों में से किसी ने भी तथ्य पर जिरह नहीं की। सिर्फ रंजीत कुमार (गोपाल सिंह विशारद के वकील) ने तथ्य पर दलील दी है।’’ इससे पहले उन्होंने कहा कि वह अपनी दलीलों के लिए 20 दिन का समय लेंगे।