सुप्रीम कोर्ट ने 10 वीं और 12 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने वाली CBSE अधिसूचना को स्वीकार किया!

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सीबीएसई को कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण 10वीं और 12वीं की शेष बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने और जुलाई में होने वाली परीक्षाओं के लिए छात्रों को अंक देने की उसकी योजना पर आगे बढ़ने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी।

 

प्रभात खबर पर छपी खबर के अनुसार न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने सीबीएसई को परीक्षाओं को रद्द करने के लिए एक अधिसूचना जारी करने की अनुमति दी।

 

केंद्र और सीबीएसई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मूल्यांकन योजना बोर्ड परीक्षाओं के पिछले तीन विषयों में छात्रों द्वारा हासिल किए गए अंकों पर आधारित होगी.

 

वहीं सीबीएसई ने बताया कि सीबीएसआई 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम 15 जुलाई तक घोषित किया जाएगा।

 

लॉइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद सीबीएसई को आदेश दिया कि शुक्रवार को वो बोर्ड एग्जाम और मूल्यांकन किस तरह की जाएगी, इसको लेकर एक हलफनामा दायर करें।

 

एग्जाम रद्द- गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीएसई ने कहा है कि आगामी 1 जुलाई से बोर्ड की परीक्षा नहीं होगी। आगे हालात देखकर बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी।

 

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान केन्द्र और सीबीएसई बोर्ड की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ये बातें कही।

 

ICSE परीक्षा भी रद्द- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ICSE बोर्ड ने भी कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी हैंं। हालांकि ICSE छात्रों को बाद में परीक्षा लिखने का विकल्प देने के लिए सहमत नहीं है।

 

मूल्यांकन का आधार पिछला रिजल्ट- सॉलिसटर जनरल मेहता ने पीठ को सूचित किया कि 12वीं कक्षा के छात्रों के पिछली परीक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर उनका आकलन करने की एक योजना तैयार की गयी है, जिसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि इस पर शुक्रवार को एक हलफनामा दायर किया जाए।

 

सितंबर से सेशन शुरू- सीबीएसई ने कोर्ट को बताया कि अगस्त के मध्य मुल्यांकन के बाद रिजल्ट जारी किया जाएगा।

 

साथ ही नया सत्र सितंबर से शुरू हो जाएगा. सीबीएसई की ओर से दलील रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने परीक्षाएं आयोजित करने में असमर्थता जताई।