सरकारी, प्राइवेट लैब में मुफ्त में होगी कोरोना वायरस की जांच- सुप्रीम कोर्ट

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देश में कोरोना वायरस महामारी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने आदेश दिया कि मान्यताप्राप्त सरकारी या प्राइवेट लैब में कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में होगी। इसके लिए अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह मान्यताप्राप्त सभी लैबों को मुफ्त में कोरोना जांच करने का निर्देश दे। कोरोना वायरस की जांच से जुड़ी एक याचिका पर अंतरिम आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 2 हफ्ते में हलफनामा दायर करने को कहा है।

NABL, WHO या ICMR से अप्रूव्ड लैब ही करें जांच: SC
सुप्रीम कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि कोरोना वायरस की जांच सिर्फ वहीं लैब करें तो NABL यानी National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories से मान्यता प्राप्त लैबों या विश्व स्वास्थ्य संगठन या ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) से मंजूरी प्राप्त किसी एजेंसी के जरिए होनी चाहिए।

याचिका में कोरोना वायरस की जांच को मुफ्त में करनी की हुई थी मांग
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में निजी संस्थाओं द्वारा कोरोना परीक्षण के लिए अधिकतम 4,500 रुपये तय करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की सलाह को चुनौती दी गई थी। याचिका में यह भी निर्देश देने की मांग की गई थी कि ऐसे सभी परीक्षण मान्यता प्राप्त पैथोलॉजिकल लैबों द्वारा किए जाएं। मुफ्त में टेस्ट का सुझाव देते हुए, याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि प्राइवेट लैबों के टेस्टिंग फीस पर पर्दा डालना संविधान के आदर्शों और मूल्यों का उल्लंघन करता है।

लोगों से टेस्ट के पैसे नहीं लिए जा सकते: SC
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब लोगों को कोरोना टेस्ट के लिए पैसे नहीं लगेंगे। अभी तक सरकार ने 4500 रुपये रेट तय कर रखा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. रवींद्र भट्ट की बेंच ने कहा कि लोगों से इस टेस्ट के लिए पैसे नहीं लिए जा सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट लैब द्वारा लिए गए टेस्ट से संबंधित पैसे कैसे वापस होंगे, इस मसले पर बाद में विचार होगा।