एडवोकेट प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने प्रशांत भूषण के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाई है, अब उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी।
ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस को नोटिस जारी किया है और दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
गुजरात में भूषण पर दर्ज एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।
सेना के एक सेवानिवृत जवान जयदेव जोशी की शिकायत पर गुजरात के भक्तिनगर पुलिस स्टेशन में वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
एफआईआर में उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सरकारी आदेशों पर बेवजह टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है।
भूषण ने ट्वीट कर कहा था कि जब जबरन लॉकडाउन के कारण देश को करोड़ों का नुकसान हुआ, तो सरकार दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत धारावाहिकों का प्रसारण शुरू कर लोगों को अफीम खिला रही है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भूषण कैसे ये तय कर सकते हैं कि लोग टीवी पर क्या देख रहे हैं।
कोर्ट ने भूषण के वकील मिस्टर दवे से कहा कि कोई टीवी पर कुछ भी देख सकता है, आप ऐसा कैसै कह सकते हैं कि लोग यह नहीं देख सकते?
इस पर मिस्टर दवे ने कहा कि हम यहां लोगों के टीवी पर कुछ देखने के मुद्दे पर नहीं आए हैं, हम यहां एफआईआर मुद्दे पर आए हैं।