सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें पुलिस को तीन साल से कम सजा वाले मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं करने का निर्देश दिया गया था।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, राजस्थान हाईकोर्ट ने यह निर्देश 17 जुलाई तक के लिए जारी किया था।
जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने 17 मई को राजस्थान हाईकोर्ट की एकल पीठ के इस आदेश के प्रभावी होने पर रोक लगा दी है।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आदेश में अपने रजिस्ट्रार जनरल और जिला अदालतों को उन अग्रिम जमानत याचिकाओं को सूचीबद्ध करने से मना किया था, जिनमें आरोपी द्वारा किए गए अपराध के लिए कानूनन अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसका समर्थन राज्य सरकार ने भी किया था।
हाईकोर्ट रजिस्ट्री की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने शीर्ष अदालत के सामने एकल पीठ के आदेश की वैधता और डीजीपी को 17 जुलाई तक अधिकतम तीन वर्ष तक की सजा वाले मामले के आरोपी की गिरफ्तारी न करने के निर्देश पर सवाल उठाया।