सुप्रीम कोर्ट ने विनोद दुआ के खिलाफ़ देशद्रोह के मामले को किया खारिज़!

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सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ शिमला में दर्ज राजद्रोह का केस गुरुवार को खारिज कर दिया।

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, दुआ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि केंद्र सरकार की आलोचना करने के कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है।

इस पर कोर्ट ने कहा, ‘किसी भी नागरिक को सरकार या सरकार से जुड़े लोगों की आलोचना और उस पर कमेंट करने का हक है, बशर्ते वह लोगों को सरकार के खिलाफ हिंसा करने के लिए प्रेरित न करे।

ये फैसला जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस विनीत शरण की 2 सदस्यीय बेंच ने सुनाया।

कोर्ट ने कहा कि जब तक किसी व्यक्ति ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया हो, जिससे किसी को हानि पहुंचे या कानून व्यवस्था बिगड़े। तब तक उस पर देशद्रोह का केस नहीं चलाया जा सकता है।

हालांकि, कोर्ट ने इस मांग को ठुकरा दिया है कि अनुभवी पत्रकारों पर राजद्रोह केस दर्ज करने से पहले हाईकोर्ट जज की कमेटी से मंजूरी ली जाए।


विनोद दुआ ने दिल्ली दंगों से जुड़े एक यूट्यूब प्रोग्राम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के खिलाफ कथित तौर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

इसके खिलाफ शिमला के कुमारसैन थाने में भाजपा के स्थानीय नेता श्याम ने FIR दर्ज कराई थी।

उनका कहना था कि दुआ ने अपने यू ट्यूब कार्यक्रम द विनोद दुआ शो में प्रधानमंत्री मोदी पर वोट पाने की खातिर मौत और आतंकी हमलों का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए हैं।

इस तरह के बयान से शांति और सांप्रदायिक अस्थिरता पैदा हो सकती थी।


जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने पिछले साल 6 अक्टूबर को दुआ, हिमाचल प्रदेश सरकार और मामले में शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

कोर्ट ने कहा था कि दुआ को इस मामले के संबंध में हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा पूछे जा रहे किसी भी पूरक सवाल का जवाब देने की जरूरत नहीं है।