कांग्रेस नेताओं ने सिंधिया परिवार को इतिहास की याद दिलाई!

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ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक भूचाल आ गया है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी कैबिनेट से 6 मंत्रियों को बर्खास्त कर बड़ा आदेश देते हुए कहा है कि, किसी भी कीमत पर प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बनने दी जाएगी।

 

पत्रििका पर छपी खबर के अनुसार, इसके लिए कांग्रेस समर्थित सभी विधायक अपने पद से इस्तीफा देंगे ताकि, मध्यावधि चुनाव हों। वहीं, सिंधिया समर्थन के करीब 22 विधायकों ने अब तक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस उठापटक के बीच कांग्रेस नेताओं में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है।

 

कांग्रेस के कई नेताओं ने एक सुर में 1857 की घटना और फिर 1967 में मध्य प्रदेश में संविद सरकार बनने की घटना और सिंधिया परिवार के इतिहास पर उंगली उठाई है। एक के बाद एक कांग्रेस नेताओं ने ट्विट करते हुए सिंधिया परिवार के इतिहास पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।

 

 

कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने अपने ट्वीट में लिखा-‘एक इतिहास बना था 1857 में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान से, फिर एक इतिहास बना था 1967 में संविद सरकार से और आज फिर एक इतिहास बन रहा है। इन तीनों में यह कहा गया है कि हां हम हैं…’

 

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने भी ट्वीट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट किये। पहले ट्वीट में अरुण यादव ने लिखा-ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है।

 

दूसरे ट्वीट में अरुण यादव ने लिखा कि, ‘सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी, आज ज्योतिरादित्य ने उसी घिनौनी विचारधारा के साथ एक बार पुनः खड़े होकर अपने पूर्वजों को सलामी दी है।’

 

तीसरे ट्वीट में अरुण यादव ने लिखा कि, ‘आने वाला वक़्त अपने स्वार्थों के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के 15 वर्षों तक किए गए ईमानदारी पूर्ण जमीनी संघर्ष के बाद पाई सत्ता को अपने निजी स्वार्थों के लिए झोंक देने वाले जयचंदों – मीर जाफरों को कड़ा सबक सिखाएगा।’