लॉकडाउन सेकेंड फेश: जानिए, क्या है गाइडलाइंस?

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कोरोना के खिलाफ देश में बुधवार से लॉकडाउन काफेज-2 शुरू गया गया है। यह 3 मई तक चलेगा। इस बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की नई गाइडलाइन जारी कर दीं।

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इसमें स्पष्ट किया गया है कि सार्वजनिक स्थानों और काम करने की जगह पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा।

 

पब्लिक प्लेस पर थूकने पर सजा और जुर्माना देना होगा। 20 अप्रैल के बाद जो सेवाएं जारी रहेंगी, उनका पॉइंट 5 से 20 तक विस्तार से जिक्र है। इसमें अस्पताल, खेती, सरकारी-निजी दफ्तर और उद्योगों से जुड़ी बातें हैं।

 

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार कोदेशभर में 21 दिन से जारी लॉकडाउन 19 दिन और बढ़ा दिया था। उन्होंने कहा था कि इस बार लॉकडाउन से बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे, जहां कोरोना नहीं फैलेगा, वहां 20 अप्रैल से कुछ जरूरी चीजों को सशर्त छूट मिलेगी। पहले फेज का लॉकडाउन 25 मार्च से 14 अप्रैल तक था।

 

 

पब्लिक प्लेस को लेकर गाइडलाइन

पब्लिक प्लेस और वर्क प्लेस पर मास्क लगाना जरूरी होगा।

पब्लिक प्लेस, वर्क प्लेस और ट्रांसपोर्ट सेवाओं के इंचार्ज की यह जिम्मेदारी होगी कि वह सरकार के निर्देशों के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए।

किसी भी संस्थान या पब्लिक प्लेस के मैनेजर को 5 या उससे ज्यादा लोगों के एक साथ जमा करने की इजाजत नहीं होगी।

शादी या अंतिम संस्कार पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का निर्देश मान्य होगा।

पब्लिक प्लेस पर थूकने पर सजा के साथ जुर्माना भी होगा।

शराब, गुटखा और तंबाकू उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।

 

 

वर्क प्लेस को लेकर गाइडलाइन

सभी संस्थानों में कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था करनी होगी।

शिफ्ट बदलने के दौरान एक घंटे का गैप देना जरूरी होगा। लंच के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा।

घर में 65 साल से ज्यादा के बुजुर्ग या 5 साल से कम उम्र के बच्चे हैं, तो कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

निजी और सरकारी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को बढ़ावा देना होगा।

सभी संस्थान शिफ्ट खत्म होने पर ऑफिस या परिसर को सैनिटाइजेशन कराएं।

संस्थान या ऑफिस में बड़े स्तर पर मीटिंग नहीं की जा सकेंगी।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट, खेती, स्वास्थ्य सेवाएं और फाइनेंशियल सेक्टर से जुड़ी गाइडलाइन

3 मई तक ये सुविधाएं बंद

सभी तरह की घरेलू और विदेशी उड़ानें (सुरक्षा कारणों से होने वाली आवाजाही और कार्गो छोड़कर) बंद रहेंगी।

यात्री ट्रेनों की सभी तरह की आवाजाही (सुरक्षा कारणों को छोड़कर) बंद रहेगी।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाली बसें नहीं चलेंगी।

मेट्रो रेल सेवाएं बंद रहेंगी।

मेडिकल वजहों को छोड़कर बाकी सभी लोगों का एक दूसरे से जिलों और एक से दूसरे राज्यों में मूवमेंट नहीं होगा।

सभी तरह के एजुकेशन, ट्रेनिंग और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स बंद रहेंगे।

जिन्हें इजाजत मिली हुई है, उसे छोड़कर सभी तरह की कमर्शियल और इंडस्ट्रियल गतिविधियां बंद रहेंगी।

जिन्हें इजाजत मिली हुई है, उसे छोड़कर हॉस्पिटैलिटी सेवाएं भी नहीं चलेंगी।

ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा, टैक्सी और कैब सेवाएं बंद रहेंगी।

सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इनके जैसी जगहें भी नहीं खुलेंगी।

सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, अकादमिक, सांस्कृतिक और धार्मिक समारोह या जमावड़े की इजाजत नहीं होगी।

आम लोगों के लिए सभी तरह के धार्मिक स्थान और इबादत की जगहें बंद रहेंगी। धार्मिक जमावड़े को कड़ाई से बंद रखना होगा।

लॉकडाउन को लेकर केंद्र की गाइडलाइन।

 

हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन को लेकर गाइडलाइन

कोरोनावायरस संक्रमण को बढ़ाने वाले क्षेत्रों को भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से तय गाइडलाइंस के मुताबिक ही हॉटस्पॉट घोषित किया जाए।

राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और जिला प्रशासन इन्हीं गाइडलाइंस के मुताबिक हॉटस्पाॅट्स के तहत आने वाने कंटेनमेंट जोन भी घोषित करें।

कंटेनमेंट जोन के अंदर किसी भी तरह की गतिविधि नहीं हो सकेगी। कंटेनमेंट जोन के परिधि में आने वाले इलाकों को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा। मेडिकल और लॉ एंड ऑर्डर जैसी जरूरी सेवाओं को छोड़कर कंटेनमेंट जोन के अंदर और बाहर लोगों का मूवमेंट नहीं हो सकेगा। इससे जुड़ी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जाए।

 

चुनिंदा गतिविधियों की20 अप्रैल सेइजाजत दी जाएगी

आम लोगों को आ रही दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए कुछ चुनिंदा गतिविधियों को 20 अप्रैल से इजाजत देने का फैसला किया गया है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करते हुए इन गतिविधियों की इजाजत देंगे।

 

इजाजत देने से पहले राज्य सरकारों की जिम्मेदारी यह देखने की होगी कि जिन गतिविधियों को शुरू करने को कहा जा रहा है, उन दफ्तरों में सोशल डिस्टेंसिंग जैसी तैयारियां हैं या नहीं।

 

लॉकडाउन गाइडलाइंस पर सख्ती से अमल होगा

राज्य सरकारें अपने क्षेत्रों में किसी भी तरह से लॉकडाउन से जुड़ी गाइडलाइंस में ढील नहीं देंगी।

5 से 20 पॉइंट की सेवाएं/नियम पूर्ववत बने रहेंगे

 

अस्पताल खुलेंगे, दवा दुकानें भी खुलेंगी

अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, टेलीमेडिसिन सेवाएं।

डिस्पेंसरी, केमिस्ट, फार्मेसी, जन औषधि केंद्रों समेत सभी तरह की दवा की दुकानें और मेडिकल इक्विपमेंट की दुकानें।

मेडिकल लैब और कलेक्शन सेंटर।

फार्मा और मेडिकल रिसर्च लैब, कोरोना से जुड़ी रिसर्च करने वाले संस्थान।

वेटरनरी अस्पताल, डिस्पेंसरी क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब, टीकों और दवाओं की बिक्री।

कोरोना रोकने के लिए जरूरी सेवाएं देने वाले सभी अधिकृत निजी संस्थान, होम केयर, डायग्नोस्टिक और अस्पतालों के लिए काम करने वाली सप्लाई चेन।

दवा, फार्मा, मेडिकल डिवाइस, मेडिकल ऑक्सीजन, उससे जुड़ा पैकेजिंग मटेरियल और रॉ मटेरियल बनाने वाली मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स।

एंबुलेंस समेत मेडिकल, हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।

सभी तरह की मेडिकल, वेटरनरी सेवाओं से जुड़े लोग, साइंटिस्ट, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, मिड वाइव्स और एंबुलेंस समेत अस्पताल से जुड़ी सेवाओं को करने वाले लोगों का राज्य के अंदर और बाहर मूवमेंट जारी रहेगा।

 

खेती से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियाें को इजाजत रहेगी

खेतों में काम करने वाले किसान और खेती का काम करने वाले अन्य लोग।

एमएसपी ऑपरेशंस समेत कृषि उपज की खरीद करने वाली एजेंसियां।

राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित मंडियां।

खेती की मशीनें और उनके स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुल सकेंगी।

फार्म मशीनरी से कस्टम हायरिंग सेंटर संबद्ध रहेंगे।

उर्वरक, कीटनाशक और बीजों का बनना और वितरण जारी रहेगा।

खेत जोतने के काम आने वाली मशीनों मसलन हार्वेस्टर और अन्य चीजों का राज्य के अंदर और बाहर आना-जाना हो सकेगा।

 

बी- फिशरीज के लिए नियम

फिशिंग ऑपरेशन (समुद्र और देश के अंदर) जारी रहेंगे। इसमें- मछलियों का भोजन, मेंटेनेंस, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री हो सकेगी।

हैचरी और कमर्शियल एक्वेरियम भी खुल सकेंगे।

मछली और मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, मछलियों का खाना और इस काम में लगे लोग आ-जा सकेंगे।

 

सी- प्लांटेशनके लिए नियम

चाय, कॉफी और रबर उत्पादन जारी रहेगा, लेकिन इनमें 50% मजदूर ही रहेंगे।

चाय, कॉफी, रबर और काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री के लिए भी फिलहाल 50% मजदूर ही रहेंगे।

 

डी- पशुपालनके लिए नियम

दूध और दुग्ध उत्पाद का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, वितरण, ट्रांसपोर्टेशन हो सकेगा।

पोल्ट्री फॉर्म समेत अन्य पशुपालन गतिविधियां चालू रहेंगी।

पशुओं का खाना मसलन मक्का और सोया की मैन्युफेक्चरिंग और वितरण हो सकेगा।

पशु शेल्टर यानी गौशालाएं खुली रहेंगी।

 

फाइनेंशियल सेक्टर

आरबीआई, इससे संचालित वित्तीय बाजार और एनपीसीएल, सीसीआईएल, पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स काम करेंगे।

बैंक की शाखाएं, एटीएम खुलेंगे। बैंक ऑपरेशन से जुड़े आईटी वेंडर्स, बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट और एटीएम ऑपरेशन और कैश मैनेजमेंट एजेंसियां भी काम कर सकेंगी।

बैंक शाखाएं भी सामान्य वर्किंग आवर में काम कर सकेंगी।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके, इसलिए स्थानीय प्रशासन बैंक शाखाओं को सुरक्षाकर्मी मुहैया कराएगा।

कैपिटल और डेबिट मार्केट सेबी के निर्देशों के अनुसार काम करेगा।

आईआरडीएआई और बीमा कंपनियों में भी कामकाज हो सकेगा।

 

सामाजिक सेक्टर

बच्चों/दिव्यांग/मानसिक रूप से अस्वस्थ/बुजुर्ग/निराश्रितों/महिलाओं/विधवाओं के आश्रय स्थल के लिए कामकाज जारी रहेगा।

ऑब्जर्वेशन होम्स और नाबालिगों की सुरक्षा के लिए बनाए गए स्थानों पर भी काम जारी रहेगा।

लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिल सकेगी मसलन बुजुर्गों/विधवाओं/स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत दी जाने वाली पेंशन और प्रोविडेंड फंड सेवाएं भी जारी रहेंगी।

आंगनवाड़ी ऑपरेशन मसलन लाभार्थियों (बच्चों और दुग्धपान कराने वाली मांओं) को 15 दिन में एक बार उनके घर तक खाना और पोषाहार पहुंचाना जारी रहेगा। लाभार्थी फिलहाल आंगनवाड़ी नहीं आ पाएंगे।

 

ऑनलाइन पढ़ाई/डिस्टेंस लर्निंग जारी रहेगी

सभी शैक्षिक, ट्रेनिंग, कोचिंग इंस्टीट्यूट्स बंद रहेंगे।

ऐसे सभी संस्थान ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई जारी रख सकते हैं।

पढ़ाई के लिए दूरदर्शन और दूसरे शैक्षिक चैनलों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

मनरेगा कामगार काम कर सकेंगे

सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर मनरेगा कामगार काम कर सकेंगे।

मनरेगा के तहत कामगारों को सिंचाई और जल संरक्षण के काम को प्राथमिकता दी जाएगी।

केंद्र और राज्यों की सिंचाई और जल संरक्षण की योजनाएं मनरेगा के तहत जारी रहेंगी।

 

सार्वजनिक उपक्रम

ऑयल और गैस सेक्टर में काम चालू रहेगा। इसके तहत ऑयल रिफाइनरिंग, पेट्रोल, डीजल, कैरोसिन, सीएनजी, घरेलू गैस और पीएनजी का ट्रांसपोर्टेशन, वितरण, भंडारण हो सकेगा।

केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली का उत्पादन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन होगा।

पोस्टल सेवाएं जारी रहेंगी।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में नगर निगम/स्थानीय प्रशासन के स्तर पर पानी, सफाई और कचरे का निष्पादन होता रहेगा।

दूरसंचार और इंटरनेट सेवाएं जारी रहेंगी।

 

सामानों/कार्गो की आवाजाही

सभी तरह के सामानों की आवाजाही हो सकेगी।

रेलवे के जरिए सामान और पार्सल भेजा जा सकेगा।

विमानों का भी कार्गो, मदद और लोगों को निकालने के लिए इस्तेमाल हो सकेगा

बंदरगाहों से देश के अंदर और बाहर रसोई गैस, खाद्य सामग्री और मेडिकल सप्लाई हो सकेगी।

सड़क के रास्ते जरूरत के सामानों को ले जाने वाले ट्रकों-गाड़ियों की आवाजाही हो सकेगी। इसमें दो ड्राइवरों और एक हेल्पर को अनुमति मिलेगी। इसके लिए ड्राइवर को वैध लाइसेंस

रखना जरूरी होगा। सामान पहुंचाकर ट्रक खाली या दोबारा सामान भरकर लौट सकेगा।

ट्रक रिपेयर के लिए हाईवे पर दुकानें और ढाबे खुलेंगे। राज्य/केंद्र शासित राज्य प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि इनमें न्यूनतम दूरी बनी रहे।

रेलवे/एयरपोर्ट्स/जहाज/पनडुब्बी/बंदरगाह के स्टाफ और संविदा मजदूरों की आवाजाही हो सकेगी। इसके लिए उन्हें स्थानीय प्रशासन से पास दिया जाएगा। स्थानीय प्रशासन की तरफ से

तभी पास जारी होगा, जब संबंधित प्राधिकारी उसे मंजूरी दे।

 

जरूरी चीजों की सप्लाई होगी

जरूरी चीजों की सप्लाई करने वाली चेनों फिर चाहे वे मैन्युफेक्चरिंग, होलसेल या रिटेल में हों, को सभी सुविधाएं मिलेंगी। ई-कॉमर्स कंपनियां भी काम कर सकेंगी। इनके खुलने या बंद होने पर प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।

 

किराना-राशन दुकानें, फल-सब्जी-दूध की दुकानें, पोल्ट्री, मीट-मछली, पशुओं के चारे की दुकानें खुलेंगी। इनके भी खुलने-बंद होने पर प्रतिबंध नहीं रहेगा, पर सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी होगी।

 

जिले के अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि सामान की ज्यादा से ज्यादा होम डिलीवरी हो, ताकि लोग घरों के बाहर कम निकलें।

 

कमर्शियल और निजी संस्थानों को काम करने की इजाजत होगी

प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डीटीएच और केवल सर्विस।

आईटी और इससे जुड़े सर्विस सेक्टर को 50 फीसदी स्टाफ के साथ काम करना होगा।

केवल सरकारी गतिविधियों के लिए डाटा और कॉल सेंटर काम करेंगे।

ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी से अनुमति प्राप्त कॉमन सर्विस सेंटर चालू रहेंगे।

ई-कॉमर्स कंपनियां, डिलीवरी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों के लिए जरूरी अनुमति लेनी होगी।

कुरियर सर्विस जारी रहेगी।

कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस सर्विस शुरू होगी। पोर्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन ,कंटेनर डिपो और माल ढुलाई से जुड़ी यूनिट भी काम करेंगी।

ऑफिस और आवासीय परिसरों की प्राइवेट सिक्योरिटी सर्विस और मैंटेनेंस सर्विस काम करेंगी।

होटल, गेस्टहाउस, लॉज खुली रहेंगी। जिनमें लॉकडाउन के कारण लोग ठहरे हुए हैं।

क्वारैंटाइन सेंटर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बिल्डिंग या जगह।

स्वरोजगार से जुड़ी सेवाओं में लगे लोग जैसे- इलेक्ट्रीशियन, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक और कारपेंटर को काम की छूट रहेगी।

 

उद्योग (सरकारी और प्राइवेट) के लिए निर्देश

नगरीय निकाय की सीमा से बाहर ग्रामीण इलाकों में स्थितहोने पर उद्योग शुरू किए जा सकेंगे। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और स्पेशनल इकोनॉमिक जोन,इंडस्ट्रियल टाउनशिप में स्थित कंपनियों को अपने यहां कामकरने वाले स्टाफ के रुकने की व्यवस्था कंपनी परिसर में करनीहोगी। इसके अलावा अगर स्टाफ बाहर से आ रहा है तो सोशलडिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए उनके आवागमन के इंतजाम करनेहोंगे।

जरूरी सामान की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम होगा, इनमेंड्रग, फार्मा और मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनियां शामिलहैं।

ग्रामीण इलाके में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम शुरू कियाजाएगा।ऐसी प्रोडक्शन यूनिट जिसमें प्रोसेस और सामान की आपूर्तिको रोका नहीं जा सकता है। वो भी चालू रहेगी।

आईटी हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों में कामकाज होगा।कोल प्रोडक्शन, माइन और मिनरल प्रोडक्शन, उनके ट्रांसपोर्टऔर माइनिंग के लिए जरूरी विस्फोटक की आपूर्ति जारी रहेगी।

ऑयल इंडस्ट्री, जूट इंडस्ट्री, पैकेजिंग मटेरियल कीमैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी छूट मिलेगी।ग्रामीण इलाकों में ईंट भट्टों में काम फिर शुरू किया जाएगा।

 

निर्माण गितिविधियां शुरू करने के लिए निर्देश

शहरी क्षेत्र के बाहर सड़क, सिंचाई परियोजना, बिल्डिंग औरसभी तरह के इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।अगर शहरी क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट शुरू करना है तो इसकेलिए मजदूर साइट पर ही उपलब्ध होने चाहिए। कोई मजदूरबाहर से नहीं लाया जाएगा।

 

इन परिस्थितियों में आवाजाही की इजाजत होगी

इमरजेंसी सर्विस में लगी प्राइवेट गाड़ी, मेडिकल और जरूरीसामान लेकर जाने वाले वाहन को रोका नहीं जाएगा। इन गाड़ियोंमें ड्राइवर के अलावा एक व्यक्ति को बैठने की छूट रहेगी। बाइक

पर दो व्यक्ति नहीं बैठ सकेंगे।

राज्यों में जारी निर्देशों के मुताबिक, जिन क्षेत्रों में कामकाजकी छूट दी गई है, उनके सभी कर्मचारी ड्यूटी पर जा पाएंगे।

 

सभीकेंद्रीय कार्यालय और इससे जुड़े ऑफिस खुलेंगे

सशस्त्र बल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आपदा प्रबंधन, मौसम विभाग, केंद्रीय सूचना आयोग, एफसीआई, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र और कस्टम के दफ्तरों में बिना रुकावट काम होगा।

मंत्रालय, उनके विभागों और संबंधित दफ्तरों में उपसचिव और उससे बड़े सभी अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। इनके अलावा बाकी 33 फीसदी स्टाफ ऑफिस में रहेगा।

 

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कार्यालय और उनसे जुड़े ऑफिस भी खुले रहेंगे

पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, फायर और इमरजेंसी सर्विस, आपदा प्रबंधन, जेल और नगरीय निकाय के दफ्तरों में कामकाज जारी रहेगा।

इसके अलावा राज्यों के अन्य विभागों में स्टाफ की सीमित संख्या के साथ काम होगा। ग्रुप ए और बी के अधिकारी जरूरत पड़ने पर ऑफिस आएंगे। ग्रुप सी और उसके नीचे के 33 फीसदी कर्मचारी के साथ कामकाज होगा।

जिला प्रशासन और कोषागार में कर्मचारियों की सीमित संख्या के साथ काम होगा। हालांकि, जरूरी सेवाओं की डिलेवरी में लगे कर्मचारियों को छूट रहेगी।

वन विभाग के कर्मचारी चिड़ियाघरों, नर्सरी, पेडों की सिंचाई और जंगल में आग पर काबू पाने काम कर सकेंगे।

 

लोगों को क्वारैंटाइन करना जारी रहेगा

स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार कोरोना के संदिग्ध या मरीज के संपर्क में आने वालों को होम क्वारैंटाइन करना जारी रहेगा। क्वारैंटाइन के नियम तोड़ने पर कानूनी कार्रवाई होगी।

 

फरवरी के बाद भारत आए लोग जिनकी क्वारैंटाइन अवधि खत्म हो गई है और उन्हें कोरोना निगेटिव पाया गया हो। ऐसे लोगों को गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक रिलीज किया जाएगा।

 

लॉकडाउन को लागू कराने के जरूरी निर्देश

सभी जिलों के कलेक्टर पर लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी होगी। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

सभी उद्योग, वर्क प्लेस और दफ्तरों में भी लॉकडाउन के लिए जारी सरकार के निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा।

लॉकडाउन का पालन कराने के लिए कलेक्टर स्थानीय एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को इंसीडेंट कमांडर के रूप में तैनात करेंगे। किसी इलाके में लॉकडाउन को लेकर पूरी जिम्मेदारी इंसीडेंट कमांडर की होगी।

इंसीडेंट कमांडर संसाधनों, मजदूरों और जरूरी सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की जिम्मेदारी भी देखेंगे।

 

सजाके प्रावधान

अगर कोई व्यक्ति लॉकडाउन के नियमों को तोड़ता है तो उसके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 की धारा 51 से 60 और आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज किया जाएगा।

 

अप्रैल की जगह 3 मई तक लॉकडाउन क्यों?

कई राज्यों ने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ा दिया था। प्रधानमंत्री ने देशभर में टोटल लॉकडाउन को 30 अप्रैल की जगह 3 मई तक बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि 1 मई को मजदूर दिवस का पब्लिक हॉलिडे है।

 

महाराष्ट्र, जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, वहां 1 मई को महाराष्ट्र दिवस की छुट्‌टी होती है। 2 मई को शनिवार और 3 मई को रविवार है। वीकेंड पर लॉकडाउन खुलता तो लोग बड़ी तादाद में बाहर निकलते। इसलिए 30 अप्रैल की जगह 3 मई तक लॉकडाउन रखा गया है।