अपनी महत्वकांक्षा की पूर्ति के लिए संगठन को बलि देने वाले कभी संगठन के लिए लाभदायक नहीं हो सकते हैं, यह बात कांग्रेस के सीनियर लीडर अख़लाक अहमद ने कहा!
अपनी महत्वकांक्षा की पूर्ति के लिए संगठन को बलि देने वाले कभी संगठन के लिए लाभदायक नहीं हो सकते हैं
— Akhlaque Ahmad (@incAkhlaque) July 21, 2020
राजस्थान में इस वक्त राजनीति हलचल मची हुई है। कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट ने अपनी पार्टी की सरकार गिराने की कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आगे उनकी सारी रणनीति फेल हो गई और सचिन पायलट कहीं के नहीं रहे।
सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ़ बगावत का रास्त अअपना लिया। कांग्रेस ने भी अपना दमखम दिखाई और सरकार गिरने से बचा लिया। बागी नेता सचिन पायलट से सभी पद छीन लिया गया।
अनुमान था की सरकार गिराने के बाद सचिन पायलट बीजेपी में जायेंगे लेकिन नाकाम होने के बाद सचिन पायलट को हर जगह नाकामी हासिल हुई।
इस वक्त कांग्रेस के कई दिग्गज नेता दिल्ल सेसे राजस्थान पहुंचे हुए हैं। दिल्ली माइनॉरिटी के कद्दावर नेता अख़लाक अहमद भी उन दिग्गजों में शामिल हैं।
अख़लाक अहमद ने निशाना साधते हुए कहा कि अपनी सरकार को बहुमत सिद्ध करने के लिए कहना और यह भाषा संगठन के निष्ठावान कार्यकर्ता के लिए शोभा नहीं देता
उन्होंने आगे कहा कि संगठन में रह कर जो भी जिम्मेदारी मिले उसको भलीभांति निभाना और आला कमान के आदेश को मानना यह कार्यकर्ताओं का धर्म होता है
अख़लाक़ अहमद ने कहा कि लोग कहते हैं संगठन में शक्ति है, लेकिन सचिन पायलट ने आला कमान के आदेशों की अवहेलना करते हुए अपनी मांगों को लेकर जिद करते रहे यह बर्दाश्त के बाहर है।
कांग्रेस के सीनियर लीडर अख़लाक अहमद ने कहा कि अब राजस्थान में सचिन पायलट की साजिशों का पर्दा फाश हो रहा है और सचिन पायलट की निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लग गया है इस प्रश्नचिन्ह को उन्हें ही आगे आकर साफ करना पड़ेगा।