अमरीका के एक एक पत्रकार ने खुलासा किया है कि दुनिया के सबसे ख़ूंख़ार आतंकवादी गुट आईएस का सरग़ना अल-बग़दादी इजराइल का एजेंट था।
Baghdadi was an Israeli agent, “killing” a Trumped-up farce (Kevin on Press TV) https://t.co/cAUPBAmLqQ pic.twitter.com/W7kEeQDRFq
— Kevin Barrett (@truthjihad) October 30, 2019
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने रविवार को दावा किया था कि अमरीकी सैनिकों के एक ऑप्रेशन के दौरान अबू बक्र अल-बग़दादी ने पोश्चिमोत्तर सीरिया में आत्मघाती धमाका करके आत्महत्या कर ली।
अमरीका के वरिष्ठ पत्रकार केविन बैरेट का यह भी कहना है कि ट्रम्प की घोषणा के बाद बग़दादी के ख़ुफ़िया ठिकाने की जो तस्वीरें जारी की गई थीं, वह भी फ़ेक थीं।
बैरेट का कहना था कि ट्रम्प ने बग़दादी की मौत की घोषणा कुछ ऐसे अंदाज़ में की कि वह ख़बर कम और कमेडी ज़्यादा लग रही थी, जिसका मक़सद अमरीकियों का मनोरंजन करना था।
अमरीकी पत्रकार ने दावा किया कि वास्तव में दाइश का सरग़ना बग़दादी एक इस्राईली और अमरीकी एजेंट था, बल्कि कुछ पत्रकारों ने तो यह भी दावा किया है कि एक इस्राईली जासूस अल-बग़दादी की भूमिका निभा रहा था।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र संघ के एक प्रवक्ता का कहना है कि राष्ट्र संघ अल-बग़दादी की मौत पर आधारित अमरीका की घोषणा की पुष्टि नहीं कर सकता है।
हालांकि ट्रम्प का कहन है कि वे सिचुएशन रूम में बैठकर बग़दादी को मारने के लिए किए गए अमरीकी सैन्य ऑप्रशन का सीधा प्रसारण ऐसे देख रहे थे कि जैसे कोई फ़िल्म देख रहे हों।
बैरेट ने बग़दादी की हत्या के लिए किए गए ऑप्रेशन को ओसामा बिन लादेन की हत्या के लिए किए गए ऑप्रेशन की तरह एक ड्रामा बताया।
उन्होंने कहाः अमरीकी सैनिकों ने बग़दादी के शव के टुकड़े जमा किए और उन्हें समुद्र में किसी ख़ुफ़िया ठिकाने पर फेंक दिया, बिल्कुल जिस तरह से बिन लादेन के शव के साथ करने का दावा किया था। उन्होंने कहा कि दोनों ही ऑप्रेशन फ़ेक थे।
ग़ौरतलब है कि 2014 में सीरिया संकट के दौरान अचानक दाइश नामक आतंकवादी गुट ने ज़ोर पकड़ा और देखते ही देखते उसने इराक़ और सीरिया के ब्रिटेन की बराबर वाले क्षेत्रफल पर क़ब्ज़ा कर लिया।