सोमवार यानी 9 मार्च 2020 भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए काफी बुरा दिन रहा।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, बीएससी का सेंसेक्स अबतक की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट यानी 1,941 अंक टूटने के साथ 35634 के स्तर पर बंद हुआ।
वैश्विक क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी गिरावट, यस बैंक का घटनाक्रम, दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर और भारतीय पूंजी बाजार से विदेशी निवेशकों द्वारा पैसों की निकासी इस गिरावट की बड़ी वजह रही।
दस सबसे बड़ी गिरावट का इतिहास
6 मार्च 2020 को सेंसेक्स 894 अंक और 28 फरवरी 2020 को यह 1,448.37 अंक टूटा था। 24 अगस्त 2015 को सेंसेक्स में 1,624.51 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी।
वैश्विक शेयर बाजार में गिरावट और रुपये की कमजोरी इसकी प्रमुख वजह रही। 2015 में ही 6 जनवरी को सेंसेक्स 854 अंक टूटा था।
21 जनवरी 2008 को सेंसेक्स में 1,408.35 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी। आपको याद होगा यह वक्त वैश्विक आर्थिक संकट का था और दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती की चिंता ही इस गिरावट की वजह बनी।
2008 में ही 24 अक्टूबर को सेंसेक्स 1,070.63 अंक, 17 मार्च को 951.03 अंक, 3 मार्च को 900.84 अंक और 22 जनवरी को 875.41 अंक टूटा था।
1 फरवरी 2020 को सेंसेक्स ने 987.96 अंकों का गोता लगाया था। बजट पेश होने के बाद शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी गई।
2 फरवरी 2018 को केंद्रीय बजट पेश किया गया था और शेयर में निवेश के सख्त नियमों के कारण सेंसेक्स में 839.91 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी।
11 फरवरी 2016 को Sensex में 807.07 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी। 8 जुलाई 2019 को ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी और बढ़ती अस्थिरता के कारण सेंसेक्स 792.82 अंक टूटा था।
16 अगस्त 2013 को सेंसेक्स में 769.41 अंक की गिरावट दर्ज की गई। 22 सितंबर 2011 को अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुस्ती की चिंताओं की वजह से BSE का Sensex 704 अंक टूट गया था।
13 अगस्त 2019 को वैश्विक बाजार में जबरदस्त बिकवाली के चलते भारतीय शेयर बाजार में भी गिरावट देखी गई थी। इस दिन Sensex 623.75 अंक टूटा था।
साभार- जागरण डॉट कॉम