शाहिन बाग आंदोलनकारियों ने कहा- ‘दिल्ली पुलिस लिखित में आश्वासन दे’

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सीएए और एनआरसी के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वालों से बातचीत की प्रक्रिया जारी है। हालांकि तीन दौर की बातचीत में कोई हल निकल कर सामने नहीं है।

 

 

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, तीन दिवसीय की वार्ता का बेनतीजा निकलने के बाद अब चौथे दिन यानी (शनिवार) आज वार्ताकार साधना रामचंद्रन शाहीन बाग में पहुंची हैं और प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत कर रही हैं।

 

 

 

इससे पहले, शुक्रवार को शाहीनबाग में वार्ताकार और प्रदर्शनकारियों की वार्ता में सुरक्षा का मुद्दा अहम रहा है और जब सुरक्षा को लेकर बात रखी गई तो प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस लिखित में आश्वासन दे।

 

 

 

उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर हमें भरोसा नहीं है और अगर कुछ घटना होती है तो कमिश्नर से लेकर बीट कांस्टेबल को जिम्मेदार माना जाए और बर्खास्त किया जाए।

 

 

 

साधना रामचंद्रन ने कहा, “एक बात बतायें दूसरी तरफ की सड़क किसने घेरी है?” तो प्रदर्शनकारियों की तरफ से आवाज आई हमने नहीं घेरी। इसके बाद वार्ताकार रामचंद्रन ने कहा कि अच्छा आप ये कहना चाहती हैं कि सड़क पुलिस ने घेरी है आपने नहीं!

 

 

 

इसके बाद एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब पुलिस ने सड़क ही आगे से बंद कर रखी है तो हमने इसे फिर अपनी सुरक्षा के कारण से बंद कर दी।

 

 

 

वार्ताकार साधना ने अपनी बात तो आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर पुलिस के द्वारा बंद रास्ते खुल जाएंगे तो क्या रास्ते की दिक्कतें खत्म हो जाएगी? तो प्रदर्शनकारियों की तरफ से कहा गया कि पुलिस द्वारा बंद रास्ते खुलते हैं तो रास्ते का समाधान निकल जाएगा।

 

 

 

प्रदर्शनकारी सुरक्षा चाहते हैं और वे चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट भी इस पर एक आदेश जारी करेे। शाहीन बाग में एक वृद्ध महिला ने कहा कि जब सीएए वापस लेंगे तो रोड खाली होगा नहीं तो नहीं होगा।

 

 

 

एक दूसरी महिला ने कहा कि अगर आधी सड़क खुलती है तो सुरक्षा और अलुमिनियम शीट चाहिए। प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा की दिल्ली पुलिस नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदारी ले।