VHP और बीजेपी अयोध्या में मंदिर के नाम पर अपना ऑफिस बनाना चाहते हैं- स्वरूपानंद

   

अयोध्या पर सियासत फिर गर्म है। द्वारका और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि वे कुंभ से साधु-संतों के साथ अयोध्या कूच कर वहां राम जन्मभूमि पर शिला पूजन करेंगे। दैनिक भास्कर प्लस ऐप ने उनसे इस घोषणा के बारे में बातचीत की।

उन्होंने कहा कि हिंदुओं में शंकराचार्य ही सर्वोच्च होता है। हिंदुओं के सुप्रीम कोर्ट हम ही हैं। विहिप और भाजपा अयोध्या में मंदिर के नाम पर अपना ऑफिस बनाना चाहते हैं जो हमें मंजूर नहीं है।

उनस जब पुछा गया कि भाजपा आरोप लगा रही है कि आप कांग्रेसी संत हैं और कांग्रेस का एजेंडा चलाते हैं, इसलिए आपने शिला पूजन की अपनी तारीख तय कर दी?

जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे साथ कांग्रेस कहां है? हमने जो निर्णय लिया है, वह किस कांग्रेस की प्रेरणा से लिया है? कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी हैं। वे हमसे आज तक नहीं मिले। हम कैसे कांग्रेसी हो गए? हम तो शंकराचार्य हैं, हिन्दुओं के गुरु हैं।

दैनिक भास्कर डॉट कॉम के अनुसार, शंकराचार्य सर्वोच्च होता है। क्या हमारा कोई दायित्व नहीं बनता है? हिन्दुओं के सुप्रीम कोर्ट तो हम ही हैं। हम जो कहेंगे यह जन्मभूमि है तो वह मानी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट इसका क्या फैसला करेगी?

जब पुछा गया कि क्या आप 21 फरवरी को ऐलान करेंगे कि अब हमें अब कोई कोर्ट नहीं देखना है, न कानून देखना है? उन्होंने कहा ऐसा है न्यायिक प्रक्रिया अपना काम करती है। हमने कई दिन पहले 21 तारीख की घोषणा की है। क्या न्यायिक प्रक्रिया