अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में आलोचनाओं का सामना कर रही शिवसेना की खीज एक बार फिर सामने आई है।
ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, सुशांत की आत्महत्या के दोषियों को बचाने का आरोप झेल रही शिवसेना ने AIIMS की रिपोर्ट को आधार बनाकर दिवगंत अभिनेता के चरित्र पर ही सवाल उठाये हैं।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में सुशांत सिंह के चरित्र पर निशाना साधते हुए कई बातें कही गयी हैं। सुशांत को मादक पदार्थों का सेवन करने वाला और चरित्र हीन शख्स बताया गया है।
सामना में AIIMS की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि सुशांत सिंह विफलता और निराशा से ग्रस्त था, जीवन मे असफलता से वो खुद को संभाल नही पाया, इसी कशमकश में उसने मादक पदार्थों का सेवन करना शुरू कर दिया और एक दिन फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी।
वाचा दै. सामनाचा आजचा अग्रलेख@rautsanjay61https://t.co/aVlKzf6L0k
— Saamana (@SaamanaOnline) October 5, 2020
सामना में आगे लिखा गया है कि ‘सीबीआई जांच में सामने आया है कि सुशांत सिंह एक चरित्रहीन और चंचल कलाकार था। बिहार की पुलिस को हस्तक्षेप करने दिया होता तो शायद सुशांत और उसके परिवार की रोज बेइज्जती होती।
It is as per the reports of Dr Sudhir Gupta, who is the head of AIIMS Forensic Medical Board in #SushantSinghRajput death case. He doesn't have any political connection or any links with Shiv Sena: Sanjay Raut, Shiv Sena on reports that AIIMS has stated it to be a case of suicide pic.twitter.com/BpXRuAx8DS
— ANI (@ANI) October 5, 2020
बिहार चुनाव में प्रचार के लिए कोई मुद्दा नही होने की वजह से नीतीश कुमार और वहां के नेताओ ने यह मुद्दा उठाया।
इसके लिये राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर को वर्दी में नचाया और आखिरकार ये महाशय नीतीश कुमार की पार्टी में शामिल हो गए’।
शिवसेना नाशिक जिल्हा महिला आघाडीच्या वतीने अभिनेत्री कंगना राणावत जी यांनी मुंबई पोलिसांविरुद्ध केलेल्या व्यक्तव्याचा आणि मुंबई शहराची "Pakistan-occupied Kashmir" अशी तुलना केल्याबद्दल जाहीर निषेध करण्यात आला. pic.twitter.com/CYRBrvnuHe
— ShivSena – शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) September 4, 2020
सामना में यह भी कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार को उन नेताओं और चैनलों पर मानहानि का केस करना चाहिए जो मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाकर उसकी छवि खराब कर रहे थे।
ऐसे बेईमान लोगों के विरुद्ध मराठी जनता को एक भूमिका लेनी चाहिए. कई गुप्तेश्वर आये और गए लेकिन मुंबई पुलिस की प्रतिष्ठा का झंडा लहराता रहा।
अगर सुशांत सिंह के ऊपर मौत के बाद मामला चलाने की कानूनी व्यवस्था होती तो ड्रग्स मामले में सुशांत पर मादक पदार्थों के सेवन का मुकदमा चलता।
पार्टी मुखपत्र में नाम लिए बिना अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) पर भी निशाना साधा गया है। सामना में लिखा है कि ‘सुशांत की मौत को जिन्होंने भुनाया, मुंबई को पाकिस्तान और बाबर की उपमा दी, वो अभिनेत्री अब किस बिल में छिपी है।
हाथरस में एक युवती को बलात्कार के बाद मार डाला गया, इस पर इस अभिनेत्री ने आंखों में ग्लिसरीन डालकर भी दो आंसू नहीं बहाए। जिन्होंने बलात्कार किया वो इस अभिनेत्री के भाई बंधु हैं क्या?’
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी। AIIMS की टीम ने ना केवल विसरा रिपोर्ट की जांच की बल्कि खुदकुशी वाले जगह का मुआयना भी किया।
एम्स की पांच सदस्यों वाली फॉरेंसिक टीम ने कई हफ्तों तक लगातार एक-एक पहलू की जांच की। उसके बाद जो रिपोर्ट सामने आई है, उसके मुताबिक सुशांत की हत्या नहीं हुई थी बल्कि उसने खुदकुशी की थी।
इससे पहले एम्स ने सुशांत सिंह की विसरा की भी जांच की थी। एम्स की जांच में सुशांत के विसरा में जहर नहीं मिला। सुशांत को जहर देने की बात भी खारिज हो गई है।