संजय राउत ने रविवार को कहा है कि शिवसेना ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, संजय राउत ने ट्वीट में लिखा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा के बाद शिवसेना ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
हम जल्द ही कोलकाता पहुंच रहे हैं। जय हिंद। बंगाल चुनाव को लेकर सभी सियासी दलों ने रणनीति के तहत चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।
इधर, उत्तर प्रदेश में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती इस साल बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के उम्मीदवार उतारेंगी। बंगाल में बसपा से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने इसकी जानकारी दी है।
मायावती बंगाल सहित विभिन्न राज्यों में पहले भी लोकसभा व विधानसभा चुनावों के दौरान उम्मीदवारों को मैदान में उतारती रही हैं, मगर इस बार चर्चा है कि वह, आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआइएमआइएम) प्रमुख व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन कर बंगाल के चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
दरअसल, बिहार चुनाव में मिली सफलता के बाद से ओवैसी की नजर पहले से बंगाल में मुस्लिम वोटों पर है। वहीं, मायावाती की नजर अनुसूचित जाति वर्ग के वोटों पर है।
ऐसे में मायावती, ओवैसी के साथ गठबंधन कर मुस्लिम व अनुसूचित जाति वर्ग के वोटों को अपनी तरफ खींचना चाहती हैं।
यदि दोनों नेता गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए भी मुश्किलें पैदा हो सकती हैं, क्योंकि ज्यादातर मुस्लिम वोट 2011 के विधानसभा चुनाव से तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में जाता रहा है।