शिवसेना ने सामना के जरिए कहा है कि बीजेपी ने इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से सांप्रदायिक तनाव फैलाया है।
केरल के वायनाड से कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी द्वारा बीजेपी पर देश में फेस और वाटस्अप को कंट्रोल करने का आरोप लगाए जाने के बाद शिवसेना भी बीजेपी को घेरने में जुट गई है।
#shivsena accuses BJP of getting intolerant to criticism on social media https://t.co/Z2rhTr6puO pic.twitter.com/wVtJLB3xwy
— Business Standard (@bsindia) October 16, 2017
ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, शिवसेना के मुखपत्र सामना की संपादकीय में लिखा है कि लोकसभा चुनाव 2014 में हुई बीजेपी की जीत का बड़ा कारण फेसबुक और वाटस्अप रहा।
बीजेपी ने इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से सांप्रदायिक तनाव फैलाया है।
सामना की संपादकीय में लिखा है कि अमेरिकी मीडिया ने इस बात का खुलासा किया है कि सोशल मीडिया में जन्मे गोबेल्स खुद का कानून, न्याय-व्यवस्था, खुद की जेल, आरोपियों के लिए कटघरे आदि बनाकर किसी पर भी हमला बोल देते हैं और किसी को भी सूली पर चढ़ाते रहते हैं।
सोशल मीडिया के ये नए ‘लश्कर-ए-होयबा’ राजनीतिक पार्टी और संगठनों के वैतनिक कर्मी होते हैं। वे अपने विचारों का प्रचार करते हैं, वहीं दूसरों के बारे में जहर भी उगलते रहते हैं।
2014 का लोकसभा चुनाव बीजेपी ने मोदी के नेतृत्व में जीता। उसमें बीजेपी के वेतन पर चलने वाली सोशल मीडिया की फौज का बड़ा योगदान था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और राहुल गांधी को गोबेल्स टोली ने निकम्मा साबित कर दिया। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को ‘मौनी बाबा’ और राहुल गांधी को ‘पप्पू’ घोषित कर दिया। उसी समय सोशल मीडिया ने मोदी पर सुपरमैन, एकमेव तारणहार और विष्णु के तेरहवें अवतार के रूप में मुहर लगा दी।
सोशल मीडिया पर गत सात वर्षों में झूठ को सच और सच को झूठ बनाने का काम हुआ. अफवाह और जातीय व सांप्रदायिक द्वेष फैलाकर राजनीतिक लाभ उठाया गया।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर अपने विचार रखते हुए कहा, ‘हिंदुस्थान में फेसबुक और वाटस्अप बीजेपी और संघ के नियंत्रण में हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया के द्वारा झूठी खबरों और द्वेष को फैलाया है। मतदाताओं पर प्रभाव बनाने के लिए उसका उपयोग किया है।अमेरिकी मीडिया ने फेसबुक मामले का सच उघाड़ दिया है।
‘फेसबुक’ कंपनी ने स्वीकार किया है कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने द्वेष फैलाने वाली पोस्ट फेसबुक पर अपलोड की और फेसबुक पर कार्रवाई न करने का दबाव बनाया।
इस मामले पर फेसबुक के हिंदुस्थान के संचालक का कहना है, ‘बीजेपी नेताओं पर हिंसा फैलाने वाली पोस्ट के लिए कार्रवाई करने से कंपनी के हिंदुस्थान में बिजनेस वृद्धि को खतरा पैदा हो सकता है। यही फेसबुक की व्यावसायिक नीति है।
सामना में आगे लिखा है कि तुम हमारे देश में बिजनेस करने आए हो। तब उद्योग-व्यवसाय में तो कम-से-कम नीति-नियमों का पालन करना ही पड़ेगा।
बिजनेस पर असर पड़ेगा इसीलिए भ्रष्ट विचार और लड़ाई के मंच के रूप में फेसबुक जैसी मीडिया का प्रयोग शुरू होगा तो इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।