शिवसेना ने खेला मुस्लिम कार्ड, बोले मुसलमानों ने दिल्ली का तख्त..?

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महाराष्ट्र के मुसलमानों ने दिल्ली के शासकों का तख्त हिला दिया था। उसे देखते हुए शिवसेना मुसलमानों का भी स्वागत करती है

महाराष्ट्र विधानसभा की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, सियासी सुगबुगाहट के तेज होने का सिलसिला रफ्तार पकड़ता दिखाई दे रहा है। हर कोई अपनी पूरी ताकत झोंक कर सत्ता पर काबिज होने का ख्वाब देख रहा है। इस बीच महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक से शिवसेा ने मुस्लिम कार्ड खेल दिया है।

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शिवसेना के इस रुख को देखकर हर कोई हैरान हो गया है और राजनीतिक खेमे में गर्माहट बढ़ गई है। लेकिन, इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर चुनाव के वक्त ही उद्धव ठाकरे को मुसलमानों की याद क्यों आई है।

दरअसल, मराठी मानुष और हिंदुत्व का नारा बुलंद करने वाली शिव सेना अब मुस्लिमों की मसीहा बनकर महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होने के सपने देख रही है।

हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र और देश में शिवसेना को जिस मुकाम पर पहुंचाया। वो तेवर आज उनकी ही विरासत के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर बदल गए हैं।

बाल ठाकरे को जिस कुर्सी का कभी मोह नहीं रहा, लेकिन उद्धव ठाकरे उसी कुर्सी के लिए मुस्लिमों के पक्षधर बनकर खड़े हो गए हैं। बाला साहब ठाकरे ने ये कहा था कि ‘ये कुर्सी का मोह मुझे नहीं है, क्यों कुर्सी होती है, क्या कुर्सी क्या होती है? लोग मुझे किंग मेकर के तौर पर पसंद करते हैं’।

लेकिन, शिवसेना के तेवर और सुर दोनों ही बदलते जा रहे हैं. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उनकी पार्टी मुस्लिम आरक्षण का समर्थन करती है।

ज़ी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, बई में दशहरा रैली के दौरान मंच से उद्धव ने चुनावी हुंकार भरी और कहा कि जिस तरह शिवाजी महाराज की सेना में महाराष्ट्र के मुसलमानों ने दिल्ली के शासकों का तख्त हिला दिया था। उसे देखते हुए शिवसेना मुसलमानों का भी स्वागत करती है।