क्या कांग्रेस-NCP के साथ शिवसेना बना लेगी सरकार?

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शिवसेना ने कांग्रेस और राहुल गांधी की जमकर तारीफ़ की है, क्या शिवसेना कांग्रेस एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है?

महाराष्ट्र में रिजल्ट के बाद शिवसेना के तेवर
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजों के बाद से राज्य में अभी भी सियासी लड़ाई जारी है। आप जानते ही होंगे कि नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिल गया है, लेकिन दोनों ही दलों में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान अब तक चल रही है।

इस समय शिवसेना 50-50 के फार्मूले पर अड़ी हुई है और बीजेपी साफ कह चुकी है कि पहले से तय समझौते के तहत ही सीएम चुना जाएगा। वहीं शिवसेना लगातार अपने मुखपत्र के जरिए बीजेपी पर वार कर रही है।

सामना में राहुल गांधी की तारीफ़
हाल ही में शिवसेना ने ‘सामना’ में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए लिखा है, ”महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने कांग्रेस के प्रचार में वैसी रुचि नहीं दिखाई, परंतु हरियाणा में उन्होंने पार्टी का अच्छी तरह प्रचार किया। सभाएं लीं, रैलियां निकालीं और महत्वपूर्ण यह है कि उनका यह प्रचार कांग्रेस के यश के रूप में भी परिवर्तित होता दिखा।

भले ही वहां कांग्रेस सत्ता में आएगी या नहीं आएगी…. ….परंतु नई सरकार के लिए पहले की तरह स्वतंत्र होकर काम करना आसान नहीं होगा। इतनी ताकत मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी को दी है। अर्थात महाराष्ट्र में जो भूमिका कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस को निभानी चाहिए ऐसा जनता को लगा, वैसा ही हरियाणा में भी मतदाताओं ने कांग्रेस के मामले में किया।

हरियाणा में कांग्रेस के लिए कही गई बात सही साबित नहीं हुआ
इसी के साथ आगे सामना में लिखा है, कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं होगा यह अनुमान हरियाणा में भी झूठा साबित हुआ। बल्कि उस पार्टी ने वहां सीधे 31 सीटों पर कब्जा जमा लिया है।

महाराष्ट्र में यह पार्टी ‘नेतृत्वहीन’ अवस्था में चुनाव लड़ी फिर भी 45 सीटें हासिल करके उस पार्टी ने अपने अस्तित्व को और भी मजबूत कर लिया। हरियाणा में कांग्रेस पार्टी सिर्फ मजबूत ही नहीं बल्कि प्रबल दावेदार के रूप में ही आगे आई। महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मिलकर संख्या बल 100 के आसपास पहुंच गया है।

शिवसेना ने लिखा
शिवसेना ने आगे लिखा, ”अब इन दोनों ही राज्यों में ये पार्टियां जनता द्वारा उन पर सौंपी गई जिम्मेदारी किस तरह से निभाती हैं, ये भविष्य का सवाल होगा। शिवसेना ने बीजेपी को भी आईना दिखाया है।

हरियाणा और महाराष्ट्र में सीटों क दावा फेल?
महाराष्ट्र में जिस तरह ‘अबकी बार 220 के पार’ का उस पार्टी का नारा चला नहीं, उसी तरह हरियाणा में भी ‘अबकी बार 75 पार’ की घोषणा के अनुरूप उस पार्टी को सीटें नहीं मिलीं। बीजेपी का घोड़ा 40 पर ही अटक गया। खबरें हैं कि शिवसेना बीजेपी पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश मे लगी हुई है।