सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फ़ील्ड आउटरीच ब्यूरो (एफओबी), सीतामढ़ी ने आज “कोविड19 टीकाकरण अभियान- हम सुरक्षित तो देश सुरक्षित ” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया।

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फ़ील्ड आउटरीच ब्यूरो (एफओबी), सीतामढ़ी ने आज “कोविड19 टीकाकरण अभियान- हम सुरक्षित तो देश सुरक्षित ” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया।

वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल डॉ ए.के. झा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, सीतामढ़ी (बिहार सरकार) ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के मामले में सीतामढ़ी जिले में शुरुआती चरण में फ्रन्ट लाइन वर्कर ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि जिले में टीकाकरण का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। टीके के दूसरे डोज के लिए भी लोग टीकाकरण केंद्र आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीका पूर्णतः सुरक्षित है। शुरुआत से लेकर दूसरे चरण के टीकाकरण तक अभी तक किसी तरह की समस्या या शिकायत नहीं मिली है।

वेबिनार को संबोधित करते हुए रणविजय कुमार, राज्य परियोजना प्रबंधक, सेंटर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च, पटना ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण को लेकर लोगों को मोबिलाइज करने में, खास कर व्यवहार परिवर्तन के क्षेत्र में, मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण की चाह सभी को है लेकिन उनके मन में कुछ शंकाएं भी हैं। टीका लेना सुरक्षित है या नहीं इस बात को लेकर वे उहा-पोह में हैं। ऐसी शंकाओं को दूर करने में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया ने सराहनिय भूमिका अदा की है।

वेबिनार को संबोधित करते हुए डॉ एस. एम. त्रिपाठी, मेडिकल ऑफिसर, विश्व स्वास्थ्य संगठन, पूर्वी चंपारण ने कहा कि टीकाकरण अभियान को लेकर किसी तरह की भ्रांति नहीं होनी चाहिए। उन्होनें कहा कि ये पूर्णतः सुरक्षित है। अतः निर्धारित समय पर टीका जरूर लगवाना चाहिए और साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी सख्ती से करना चाहिए।

वेबिनार को संबोधित करते हुए श्री विजय शंकर पाठक, अतिरिक्त जिला परिवर्तन प्रबंधक, पिरामल फाउंडेशन, सीतामढ़ी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस अभियान को लीड कर रहा है। उसके फ्रन्ट लाइन वर्कर सबसे पहले टीका लगवाकर यह संदेश दे रहे हैं कि टीका पूर्णतः सुरक्षित है। जब भी अपनी बारी आए निर्धारित केंद्र पर जाकर टीका जरूर दिलाना चाहिए।

वेबिनार को संबोधित करते हुए श्री अनूप कुमार झा, पोषण सलाहकार, यूनिसेफ़, पटना ने कहा कि टीकाकरण अभियान के दो प्रमुख पहलू हैं- तकनीकी और संवाद। उन्होनें इस बात का जिक्र किया कि टीके के उत्पादन में भारत विश्व का सबसे अग्रणी देश है और यहां सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जाता रहा है। फिर भी हमें पोलियो पर विजय पाने 32 साल लग गये। इससे स्पष्ट होता है कि तकनीक और संवाद के स्तर पर कहीं न कहीं एक अंतराल है।

पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से उन्होंनें सेवा में आने वाली बाधाओं और इनके समाधान की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि उत्सुक लोगों को यह बताना जरूरी है कि टीकाकरण चरणबद्ध तरीके से ही होगा और यही फायदेमंद भी रहेगा।

सबसे पहले अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को टीका इसलिए जरूरी है क्योंकि उनका सामना प्रतिदिन कोरोना संक्रमित लोगों से होता है। अगर वे ही स्वस्थ और सुरक्षित ना रहे तो संक्रमितों का इलाज कौन करेगा। जहां लोगों को टीकाकरण के संबंध में ज्यादा आशंकाएं हैं ऐसे समूहों के बीच प्रतिष्ठित लोगों की मदद से प्रचार करना जरूरी है।

उन्होनें इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना का टीका उपलब्ध होने के बावजूद सभी सावधानियां बरतनी अब भी जरूरी हैं। हमें उन सारे नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए जो हम कोरोना काल में करते थे।

वेबिनार का संचालन फील्ड आउटरीच ब्यूरो, सीतामढ़ी के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी जावेद अख्तर अंसारी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सहयोगी संचालक ग्यास अख्तर ने किया ।

वेबिनार में रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी), पटना के अपर महानिदेशक एस. के. मालवीय, निदेशक विजय कुमार तथा बिहार स्थित सभी एफओबी एवं आरओबी के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित आमजन मौजूद थे।