कश्मीर में प्रशासन का जितना आतंक है, मैंने कहीं नहीं देखा- ग़ुलाम नबी आज़ाद

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर के दौरे से आकर कि कश्मीर घाटी के हालात बद से बदतर है। उन्होंने कहा, ‘प्रशासन का इतना आतंक मैंने दुनिया में कहीं नहीं देखा है। राज्य में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है।’

जम्मू कश्मीर के अपने छह दिवसीय दौरे के दूसरे चरण में मंगलवार को यहां पहुंचे और कहा कि घाटी में ‘बहुत बुरी’ स्थिति है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे थे।

उन्होंने कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता जताई और कहा, ‘कश्मीर और कश्मीरियों में काफी निराश और तनाव है। जम्मू में भी यही हालत है, सत्ताधारी पार्टी के 100-200 लोगों के अलावा कोई खुश नहीं है।’

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे अभी मीडिया से कुछ नहीं कहना है। मैं कश्मीर में चार दिन रहा तथा दो और दिन जम्मू में रहने के लिए यहां पहुंचा हूं।

छह दिवसीय दौरे के समापन के बाद जो भी कहना होगा, कहूंगा।’’ जम्मू कश्मीर में हालात के बारे में उनका आकलन रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सौंपे जाने के संबंध में एक सवाल पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दिल्ली वापसी के बाद इस पर फैसला होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं घाटी में ठहरने के दौरान जिन स्थानों पर जाना चाहता था, उसके 10 प्रतिशत स्थानों पर भी प्रशासन ने मुझे जाने नहीं दिया।’’ राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लिए जाने और राजनीतिक गतिविधियों पर बंदिशों के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कोई निशान नहीं है।’’

आजाद का दौरा तब मुमकिन हुआ, जब 16 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने उन्हें राज्य जाने की अनुमति दी थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कांग्रेस नेता को चार जिलों- श्रीनगर, जम्मू, बारामुला, अनंतनाग में लोगों से मिलने की अनुमति दी थी।