सोशल मीडिया से आधार को जोड़ने वाली याचिका: जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें फर्जी अकाउंट्स पर अंकुश लगाने के उपाय के रूप में आधार कार्ड को सोशल मीडिया अकाउंट्स से जोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव, कृष्ण मुरारी और एस. रवींद्र भट की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की।

 

अदालत ने इस याचिका पर विचार करने और उस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2019 में अपना फैसला सुनाया था। उस समय हाईकोर्ट ने भी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।

 

शीर्ष अदालत ने कहा, “हमें हाईकोर्ट के आदेशों के साथ हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिख रहा है।”

 

शीर्ष अदालत ने कहा कि विशेष लीव याचिका को खारिज कर दिया गया है। हालांकि, ट्रांसफर केस (सिविल) संख्या 5/2020 में आवेदन दायर करने के लिए याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी गई है।

 

शीर्ष अदालत ने हालांकि याचिका का निपटारा करते हुए उपाध्याय को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ आधार के लिंक के संबंध में एक और मामले में एक निहित आवेदन दाखिल करने की अनुमति दी, जो अदालत के समक्ष लंबित है