उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसला अगले महीने देने की संभावना के बीच राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि ‘कुछ ताकतें’ देश में स्थिति का लाभ उठाते हुए समुदायों के बीच दरार डालने की कोशिश कर सकती हैं।
'Some forces' may try to create fissures: Sharad Pawar on Ayodhya https://t.co/Cq3TlF9y39
— TOI India (@TOIIndiaNews) October 30, 2019
प्रभा साक्षी पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने समाज के सभी वर्गों में शांति कायम रखने की बात कही। पवार ने यह टिप्पणी राकांपा विधायकों की बैठक में की। इन विधायकों ने अजीत पवार को विधायक दल का नेता चुना है।
#NewsAlert – A big situation may stare at the country in a few days. Ram Mandir judgment is on November 6. Some powers may misuse this situation to increase distance among communities in the country: NCP chief Sharad Pawar. pic.twitter.com/vmqJ9Fuwh9
— News18 (@CNNnews18) October 30, 2019
बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद अल्पसंख्यकों में अलग भावना
दशकों पुराने भूमि विवाद का हवाला देते हुए पवार ने कहा कि राम जन्मभूमि देश के बड़े तबके के लोगों के लिए आस्था का विषय है। वहीं, 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने को लेकर देश के अल्पसंख्यकों में अलग तरह की भावना है।
शरद पवार बोले
पवार ने कहा, ‘‘मैं अल्पसंख्यकों में यह भावना देखता हूं कि न्यायपालिका जो भी फैसला देगी, वे स्वीकार करेंगे। समाज में शांति बनी रहे, इसके लिए कदम उठाने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि इस मौके का फायदा कुछ ताकतें उठा सकती हैं और समुदायों में दरार डालने की कोशिश कर सकती हैं। हालांकि, राकांपा नेता ने ‘ताकत’ का नाम नहीं लिया। अयोध्या भूमि विवाद मामले में शीर्ष अदालत ने 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।