चूरू जिले की तारानगर तहसील के झाड़सर गांव की 41 वर्षीय गुड्डी ने महज बेटे की चाहत में 12 बार प्रसव पीड़ा सहन की है।
महानगर टाइम्स पर छपी खबर के अनुसार, 20 नवंबर को गुड्डी को चूरू के राजकीय मातृ एवं शिशु अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसने अब बेटे को जन्म दिया है। हालांकि गुड्डी को अपनी 11 बेटियों के नाम ठीक से याद नहीं है, लेकिन बेटा पैदा होने के बाद गुड्डी भी खुश है।
उसने बताया कि गांव के लोग बेटा नहीं होने पर ताना दिया करते थे और उसका पति भी वंश बढ़ाने के लिए बेटा चाहता था। गुड्डी का पति कृष्ण कुमार गांव के ही भट्टे पर चाय की दुकान चलाता है।
इस दंपति की बड़ी बेटी 22 साल की है। गुड्डी की तीन बेटियों की शादी भी हो चुकी है, जिनमें एक की शादी धीरवास और दो की शादी नापासर में हुई है। गुड्डी का नवजात बेटा जन्म के साथ मामा भी बन गया है क्योंकि उसकी बड़ी बहन को भी बेटा हो चुका है।
गुड्डी ने बताया कि उसकी 3 बेटियां प्राइवेट स्कूल में और बाकी सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। दो छोटी बेटियां अभी घर में रहती हैं।
भले ही सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए कितनी भी योजनाएं शुरू कर दे, लेकिन जब तक हमारे समाज मे बेटा पैदा करने की चाह बनी रहेगी तब तक जनसंख्या नियंत्रण के लिए बनाई गई योजनाएं बेमानी साबित होती रहेंगी।