सोनू सूद को प्रवासियों के मसीहा के रूप में सम्मानित किया जा रहा है, क्योकिं उन्होंने महामारी से प्रेरित लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचने में मदद की।
राजस्थान खबरें पर छपी खबर के अनुसार, अभिनेता पर उनके द्वारा किए गए कामों के कारण काफी सवाल उठाए गए और उन्हें टार्गेट भी किया गया था।
बरखा दत्त के साथ एक इंटरव्यू में सूद ने ट्रोल का जवाब देते हुए कहा, “आप ऐसा कर रहे होंगे क्योंकि यह आपका पेशा है, आपको इसके लिए भुगतान किया जा रहा है। यह मुझे प्रभावित नहीं करता है और मैं जो करता हूं वह करता रहूंगा।”
उन्होंने उन लोगों को भी जवाब दिया जिन्होंने उन्हें फ्रॉड कहा। अभिनेता ने कहा, “उन लोगों के लिए जो दावा करते हैं कि मैं कुछ नहीं कर रहा हूं, मेरा जवाब है कि मेरे पास 7,03,246 लोगों का डेटाबेस है, जिनकी मैंने मदद की है और जिनके पते, फोन नंबर, आधार कार्ड नंबर मेरे पास हैं।
जिन भी छात्रों की मैंने विदेश से आने में मदद की है, मेरे पास उनके सभी डिटेल्स हैं। मैं इसमें कुछ भी क्लैरीफिकेशन नहीं देना चाहता लेकिन मेरे पास डेटा है। मुझे ट्रोल करने के बजाय, बाहर जाओ और किसी की मदद करो। ”
यह पहली बार नहीं है जब सोनू के जरूरतमंदों के काम करने के इरादों पर सवाल उठाया गया। इससे पहले, यह आरोप लगाया गया था कि वह राजनीति में प्रवेश करना चाहते हैं।
लेकिन सूद ने कहा था कि वह इस समय राजनीति में उतरने के इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि वो एक अभिनेता के रूप में ही करियर बनाना चाहते हैं।
सोनू ने IANS से बात करते हुए कहा था कि “अगर मैं राजनीति में आता हूं, तो मैं अपना 100 प्रतिशत दूंगा। मैं ये कोशिश करूंगा कि किसी को कोई समस्या नहीं हो।
मैं उनकी समस्याओं का समाधान करूंगा। मैं समय बिताऊंगा। इसलिए, मुझे लगता है कि इस समय मैं इसके लिए तैयार नहीं हूं। इसलिए मैं किसी को भी अभी इन चीजों के लिए जवाबदेह नहीं हूं और मैं चीजों को अधिक खुले तरीके से कर सकता हूं।
मुझे किसी से या किसी भी पार्टी से यह पूछने की जरूरत नहीं है कि मुझे क्या करना चाहिए ‘ । मैं यह तय करता हूं और अपनी मर्जी से करता हूं।