लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का काम कर मसीहा बने सोनू सूद अब लोगों को जॉब दिलवाने का काम कर उनकी मदद भी कर रहे हैं।
भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, हाल ही में एक ट्विटर यूजर ने सोनू को ट्वीट कर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मदद करने की गुहार लगाई थी। सोनू ने उस यूजर को निराश नहीं किया और उन्हें रिप्लाई करते हुए उनकी मुश्किल हल कर दी।
Dear @SonuSood sir, She's Sharada, techie who recently got fired from @VirtusaCorp Hyd amid Covid crisis. Without giving up, She's selling vegetables to support her family & surviving. Please see if you could support her in anyways. Hope you'll revert sir https://t.co/fNWvljL3DA
— Ritchie Shelson (@ritchieshelson) July 26, 2020
ट्विटर यूजर ने शारदा नाम की एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का वीडियो शेयर किया। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान शारदा को उनकी कंपनी ने निकाल दिया और वह बेरोजगार हो गईं।
My official met her.
Interview done.
Job letter already sent.
Jai hind 🇮🇳🙏
@PravasiRojgar https://t.co/tqbAwXAcYt
— sonu sood (@SonuSood) July 27, 2020
हार ना मानते हुए शारदा ने अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए सब्जी बेचना शुरू कर दिया। यूजर ने सोनू से शारदा को नौकरी दिलवाने में मदद के लिए गुहार लगाई और लिखा, सर प्लीज देखिए कि शारदा की क्या हरसंभव मदद की जा सकती है। उम्मीद है आप जवाब देंगे।
सोनू ने ट्विटर यूजर को निराश नहीं किया और शारदा की नौकरी लगवा दी। उन्होंने यूजर की ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा, मेरी ऑफिशियल टीम शारदा से मिल चुकी है। इंटरव्यू हो गया है। जॉब लेटर भी भेज दिया गया है। जय हिंद।
दूसरी तरफ, प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के बाद अब सोनू उन्हें नौकरी दिलाने में भी मदद करेंगे। इसके लिए सोनू ने ‘प्रवासी रोजगार’ नाम से एक प्लेटफॉर्म शुरू किया है।
जो प्रवासियों को नौकरी खोजने के लिए जरूरी जानकारी और सही लिंक मुहैया कराएगा। इसकी जानकारी सोनू ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है।
सोनू ने कहा- पिछले कुछ महीनों में इस पहल को तैयार करने के लिए बहुत सोचा और फिर प्लान तैयार किया। देश के टॉप ऑर्गनाइजेशन के साथ डिस्कशन किया है जो गरीबी रेखा से नीचे के युवाओं और गरीबी रेखा से नीचे के युवाओं को रखने तैयार हैं।
वे एनजीओ, सोशल ऑर्गनाइजेशन, गवर्नमेंट ऑफिशियल्स के स्टार्ट अप हैं। वे कहते हैं, ‘देश में 6 करोड़ से अधिक, अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिक हैं, उनमें से 3 करोड़ मजदूर हैं। कुछ ही समय में ऐप पर लगभग 1 करोड़ लोग होंगे।’