स्पुतनिक-वी वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाने में 92 फीसदी कारगर!

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दुनिया के 210 से ज्यादा देश कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। दुनियाभर के लोगों को जिस एक चीज का बेसब्री से इंतजार है, वह है कोरोना की एक सुरक्षित और कारगर वैक्सीन।

 

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, वैक्सीन की रेस में सबसे पहले बाजी मारने वाले रूस ने अपनी पहली वैक्सीन स्पुतनिक-वी पर बड़ा दावा किया है।

 

वैक्सीन पर वित्तीय मदद कर रही रूस के धन कोष के पदाधिकारियों ने बुधवार को कहा है कि अंतरिम परीक्षण परिणामों के मुताबिक स्पुतनिक-वी वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाने में 92 फीसदी कारगर है।

 

इससे पहले जर्मनी के साथ मिलकर वैक्सीन विकसित करने वाली अमेरिकी कंपनी फाइजर ने अपनी वैक्सीन को 90 फीसदी कारगर बताया था।

अमेरिका की फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) और जर्मन बायाटेक फर्म बायोनटेक (BioNTech) द्वारा वैक्सीन के 90 फीसदी सफलता का दावा करने के दो दिन बाद ही रूस ने स्पुतनिक-वी को लेकर यह दावा किया है।

 

फाइजर की तुलना में रूस ने दो फीसदी ज्यादा सफलता का दावा किया है। बता दें कि रूस के दावे के मुताबिक, स्पुतनिक-वी दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन है, जिसे अंतिम चरणों के ट्रायल से पहले ही रूस ने 12 अगस्त को मंजूरी दे दी थी।

बता दें कि बीते सोमवार को अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) और जर्मन बायाटेक फर्म बायोनटेक (BioNTech) ने वैक्सीन पर मिल रही सफलता की खबर दी थी।

 

कंपनियों का दावा है कि उनकी वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने में 90 फीसदी तक सफल है। खबरों के मुताबिक, फाइजर ने कहा है कि ट्रायल में कोविड-19 के 94 मामलों का मूल्यांकन किया।

 

कंपनी का दावा है कि वैक्सीन की दूसरी खुराक के ठीक सात दिन बाद यह कोरोना वायरस को रोकने में 90 फीसदी तक कारगर है। कंपनी के मुताबिक, वैक्सीन लगाने के 28 दिन बाद व्यक्ति खतरे से बाहर होगा।