कोरोना वायरस पर बोले शोएब अख्तर- ये वक़्त ‘हिंदू या मुस्लिम’ नहीं बल्कि इंसान बनने का है

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अपने करियर में स्पीड के साथ-साथ विवादों के लिए प्रसिद्ध रहे पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर एक अच्छे समीक्षक हैं. और बातें भी अच्छी करते हैं. इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कोरोनावायरस  महामारी को लेकर बहुत ही मार्मक अपील की है. शोएब ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए लोगों से धर्म और नस्ल से ऊपर उठकर महामारी के खिलाफ लड़ने की अपील की है.

शोएब अख्तर ने कहा कि कोरोनावायरस एक वैश्विक  बीमारी है और हमें धर्म से ऊपर उठकर एक वैश्विक ताकत के रूप में सोचने की जरूरत है. लॉकडाउन  इसीलिए हो रहा है जिससे की वायरस का फैलाव न हो. अगर बात सार्वजनिक जगहों पर मीटिंग कर लोगों से मिल और बात कर रहे हो, तो इससे कोई मदद मिलने नहीं जा रही.

शोएब ने कहा कि अगर आप चीजों की जमाखोरी कर रहे हैं, तो मजदूरों के बारे में सोचिए. स्टोर खाली पड़े हैं और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप तीन महीने बाद जिंदा बचोगे. आप रोजाना काम करने वाले मजदूर के बारे में सोचिए कि वह अपने परिवार को क्या खिलाएगा? अख्तर वीडियो में कह रहे हैं कि अमीर लोग तो बच जाएंगे, लेकिन गरीब आदमी कैसे बचेगा? ऐसा लगता है कि हम जानवरों की तरह रह रहे हैं. हमें इंसानों की तरह रहने की जरूरत है. हमें एक-दूसरे का मददगार बनने की जरूरत है. यह समय एक-दूसरे की देखभाल करने और इंसान बनकर रहने की दरकार है.  शोएब ने कहा कि यह समय हिंदू-मुस्लिम करने का  नहीं, बल्कि एक-दूसरे की मदद करने का है. सभी को धर्म से ऊपर उठकर इंसान बनने और जमाखोरी न करने की जरूरत है.