सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षकारों से रविदास मंदिर निर्माण के लिए बेहतर स्थान के चयन को लेकर चर्चा करने को कहा है
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के संत रविदास मंदिर मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने पक्षकारों को सर्वमान्य समाधान खोजने के लिए कहा है। अदालत ने कहा कि हम सबकी की भावनाओं का सम्मान करते हैं, किन्तु कानून का पालन करना ही होगा, उसी जगह फिर से मंदिर नहीं बनाया जा सकता।
सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षकारों से रविदास मंदिर निर्माण के लिए बेहतर स्थान के चयन को लेकर चर्चा करने को कहा है। अदालत ने कहा है कि अगर पक्षकार एक सर्वसम्मत निराकरण लेकर आते हैं, तो आदेश पारित कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत में एक याचिका दाखिल कर वन क्षेत्र में मंदिर निर्माण की मांग की गई है।
शीर्ष अदालत के आदेश पर ही गुरु रविदास मंदिर को तोड़ा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने नौ अगस्त को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को मंदिर का ढांचा गिराने का निर्देश दिया था, जिस पर एक्शन लेते हुए DDA ने 10 अगस्त को मंदिर ध्वस्त कर दिया था।
Delhi's Sant Ravidas Temple demolition case: Supreme Court today asked all the petitioners to convene a meeting with the Attorney General, KK Venugopal, and try to come up with a possible amicable solution for constructing the Ravidas temple. pic.twitter.com/O9nOS6F7Cg
— ANI (@ANI) October 4, 2019
न्यूज़ ट्रैक हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, इसके बाद संत रविदास के भक्तों ने इस कार्रवाई का विरोध शुरू किया और कई आंदोलन भी किए।
Dalit community from all over India has converged in Delhi to protest the demolition of Ravidas Mandir in Tughlakabad by DDA.
And if you think this isn't an anti-brahmanical hegemony march,I'll suggest you talk to anyone from this crowd.pic.twitter.com/7cvWaCFGeN— Zainab Sikander (@zainabsikander) August 21, 2019
सर्वोच्च न्यायालय ने यह चेतावनी दी है कि कोई भी मंदिर तोड़े जाने का राजनीतिकरण या प्रदर्शन करता है तो उसके खिलाफ अदालत की अवमानना का मुकदमा चलेगा। शीर्ष अदालत के सख्त रुख के बाद गुरु रविदास मंदिर के भक्तों के लिए यह कानूनी लड़ाई कठिन हो गई है।