क्या 17 नवंबर से पहले आ जायेगा बाबरी मस्जिद- राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला?

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा छह अगस्त से मामले की रोजाना सुनवाई का निर्णय लेने के बाद इस बात की पूरी संभावना है कि अयोध्या भूमि विवाद पर 17 नवंबर से पहले फैसला आ जाए। दरअसल, मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

जस्टिस गोगोई चूंकि 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि इस मामले पर 17 नवंबर से पहले फैसला आ जाए। इसके पीछे वजह है कि अगर जस्टिस गोगोई अपनी सेवानिवृत्ति से पहले इस पर सुनवाई नहीं पूरी कर पाते हैं तो उनकी सेवानिवृत्ति के बाद पीठ में एक नए सदस्य शामिल होंगे।

ऐसी स्थिति में नई पीठ को फिर से मामले की सुनवाई करनी पड़ेगी। लिहाजा जस्टिस गोगोई की पूरी कोशिश रहेगी कि वह इस मामले को अंतिम मुकाम तक पहंचाए।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, संविधान पीठ ने छह अगस्त से रोजाना सुनवाई करने का निर्णय लिया है। रोजाना सुनवाई का मतलब अमूमन यह होता है कि यह सुनवाई हर हफ्ते मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को होगी। यानी 17 नवंबर से पहले अधिकतम 33 दिनों की सुनवाई संभव है।

हालांकि सोमवार और शुक्रवार को भी सुनवाई की जा सकती है। यह देखने वाली बात होगी कि संविधान पीठ किस तरह से सुनवाई करेगी। जस्टिस गोगोई के रुख से भी लगभग साफ है कि वह इस मामले की सुनवाई अपने कार्यकाल में ही पूरा करना चाहते हैं।